कोरोना ने बदली बंद होने के कगार पर खड़ी सरकारी कंपनी की किस्मत

नई दिल्ली : देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के संक्रमण ने काफी प्रतिकूल असर डाला है लेकिन कोरोना की वजह से ही भारत सरकार की एक कंपनी को नया जीवन मिल गया है। ये कंपनी है प्रयागराज में स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पंप्स एंड कंप्रेशर्स लिमिटेड (बीपीसीएल)। बंद होने के कगार पर खड़ी इस कंपनी को कोरोना काल में बड़ा वर्क ऑर्डर मिला है, जिससे कंपनी के दिन फिरने की उम्मीद बन गई है। 
लगातार हो रहे घाटे की वजह से केंद्र सरकार ने सार्वजिक क्षेत्र की कंपनी बीपीसीएल को बंद करने का फैसला ले लिया था। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में भी बीपीसीएल को बंद किए जाने की घोषणा कर दी थी। लेकिन कोरोना के संक्रमण काल में जब पूरे देश में ऑक्सीजन की किल्लत और खासकर ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की बात उभरकर सामने आई है, तब बीपीसीएल के दिन भी फिरते हुए नजर आने लगे हैं। 
उत्तर प्रदेश सरकार ने कंपनी को 2500 ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने का ऑर्डर दिया है। बीपीसीएल अगले 3 हफ्ते में इन सिलेंडर की सप्लाई करेगी। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक ने सिलेंडर निर्माण का ऑर्डर देने के साथ ही इस मद में तीन करोड़ 68 लाख 75 हजार रुपये की मंजूरी भी दे दी है। कंपनी को सिलेंडर का निर्माण करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी इजाजत मिल चुकी है। हालांकि अभी ये बात स्पष्ट नहीं हो सकी है कोरोना काल के खत्म होने के बाद भी इस कंपनी में सिलेंडर का निर्माण होता रहेगा या नहीं।
बीपीसीएल में इसके स्थापना काल से ही पंप और कंप्रेसर के साथ ही सिलेंडर का भी उत्पादन किया जाता था लेकिन सिलेंडर का उत्पादन करने वाली इकाई 2013 से ही बंद पड़ी है। कभी भारत की लघु रत्न रही ये कंपनी पिछले कुछ वर्षों से नुकसान का सामना कर रही थी, जिसके कारण केंद्र सरकार ने इसे बंद करने का फैसला लिया था। 
सरकार के इस फैसले के बावजूद कंपनी में पंप और कंप्रेसर का उत्पादन अभी भी जारी है। अब कोरोना का संकट बढ़ने के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर यहां सिलेंडर के उत्पादन का काम भी एक बार फिर शुरू किया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण के समय ऑक्सीजन और सिलेंडर की कमी का सामना करने के बाद उत्तर प्रदेश के उद्योग विभाग ने प्रशासन से बीपीसीएल में सिलेंडर का उत्पादन कराने का आग्रह किया था। प्रशासन ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को अपना प्रस्ताव दिया। जिसके बाद प्रदेश और केंद्र सरकार की टीम ने सिलेंडर यूनिट का निरीक्षण करने के बाद बीपीसीएल में सिलेंडर के उत्पादन को मंजूरी दे दी। 
सरकार की मंजूरी मिलने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले सोमवार को ही बीपीसीएल को शुरुआती दौर में 3 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन शुरू करने का कार्यादेश देने की बात कही थी। इस काम के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया था। सरकार के निर्देश पर महानिदेशक ने पहले चरण में 2500 सिलेंडर के निर्माण का आदेश जारी कर दिया है और उसके लिए जरूरी बजट को भी मंजूरी दे दी है। 
बीपीसीएल की निर्माण इकाई को चालू करने के लिए प्रशासन के स्तर पर सभी औपचारिकताएं अगले एक-दो दिन में पूरी कर ली जाएंगी, ताकि जल्द से जल्द सिलेंडर का उत्पादन शुरू किया जा सके। केंद्र सरकार ने बीपीसीएल को बंद करने का भले ही फैसला ले लिया है, लेकिन कोरोना काल में इस कंपनी ने अपनी उपयोगिता साबित कर दी है। ऑक्सीजन के गंभीर संकट के वक्त इस कंपनी से सिलेंडर उत्पादन के मामले में काफी उम्मीदें की जा रही हैं। 
2013 में सिलेंडर निर्माण इकाई के बंद होने के पहले तक यहां हर तरह के सिलेंडर का उत्पादन किया जाता था। यहां से बड़े पैमाने पर सिलेंडर का दूसरे देशों को निर्यात भी किया जाता था, लेकिन यूपीए शासनकाल के दौरान नीतिगत निर्णय लेते हुए यहां की सिलेंडर निर्माण इकाई को बंद कर दिया गया। उसके बाद से ही लघुरत्न रही ये कंपनी नुकसान में चली गई। अब कोरोना संकटकाल में बीपीसीएल को सिलेंडर के उत्पादन का वर्क ऑर्डर मिलने के बाद कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच इस बात की उम्मीद बनने लगी है कि सरकार बीपीसीएल को बंद करने के अपने फैसले पर एक बार फिर विचार कर सकती है। 

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