स्वच्छता हमारे जीवन का अंग बननी चाहिए: राष्ट्रपति

नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। इंदौर को लगातार तीसरी बार यह सम्मान मिला है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि स्वच्छता की जड़ों को मजबूत बनाने के लिए स्वच्छता की संस्कृति को नागरिकों के जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार-2019 यहां विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किए। कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि अब तक हुए सभी चार सर्वेक्षणों में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करके इंदौर शहर ने एक मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि ‘स्वच्छ-सर्वेक्षण’ अपने ढंग का विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण के द्वारा 64 लाख नागरिकों की भागीदारी के जरिए लगभग 40 करोड़ की शहरी आबादी के लिए स्वच्छता संबंधी प्रयासों के विषय में उपयोगी जानकारी एकत्र की गई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छता के काम को जमीन पर अंजाम देने वाले सभी स्वच्छताकर्मियों और स्वच्छाग्रहियों के योगदान के लिए वह उन सबको, पूरे राष्ट्र की ओर से धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को प्रभावी और स्थायी बनाने के लिए जरूरी है कि यह सभी नागरिकों की आदत, स्वभाव और व्यवहार का हिस्सा बने। बहुत से लोग व्यक्तिगत सफाई, अपने घर की सफाई पर बहुत ध्यान देते हैं, लेकिन सार्वजनिक सफाई के प्रति उदासीन रहते हैं। इस मानसिकता में बदलाव जरूरी है। स्वच्छता को लेकर लोगों में गर्व की भावना होनी चाहिए। सभी विद्यालयों और उच्च-शिक्षण संस्थानों में स्वच्छता को पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण विषय बनाना चाहिए।
सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणियों में मध्यप्रदेश के शहरों ने अव्वल स्थान पाया है। इंदौर को सबसे साफ शहर घोषित किया गया है। उज्जैन को मध्यम दर्जे के शहरों (3-10 लाख आबादी) में सबसे साफ और भोपाल को सबसे साफ राजधानी माना गया है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद सबसे साफ बड़ा शहर है और 1-3 लाख की आबादी वाले सबसे साफ छोटे शहर का खिताब नई दिल्ली महानगर पालिका को मिला है। राज्यों की सूची में शीर्ष पर छत्तीसगढ़ का नाम है, दूसरे पर झारखंड और तीसरे पर महाराष्ट्र है। दिल्ली कैंट को सबसे साफ कैंट का दर्जा मिला है। उत्तराखंड के गोचर को सबसे साफ गंगा शहर माना गया है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने विशेष रूप से कुंभ का जिक्र किया और स्वच्छता के लिए किए गए उनके प्रयासों को सराहा। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी टेम्परेरी टेन्ट सिटी, कुम्भ नगरी, में आने वाले यात्रियों की संख्या लगभग 25 करोड़ आंकी गई है। लगभग एक लाख बीस हजार शौचालयों की व्यवस्था के साथ-साथ, कूड़ा-कचरा लगातार साफ करने के लिए जो कार्य वहां किया गया है, उसे अनेक देशों में सराहा जा रहा है। उन्हें विश्वास है कि प्रयाग-कुम्भ से सीख लेकर बड़े समारोहों के आयोजक-गण स्वच्छता पर अधिक ध्यान देंगे।
प्रयागराज में मंगलवार को ही सम्पन्न हुए कुम्भ की विशालता और दिव्यता के साथ-साथ, वहां की स्वच्छता की चर्चा और सराहना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ सर्वेक्षण देश के 4,237 शहरों में पेपरलेस और डिजिटल फॉर्मेट में 28 दिन में कराया गया है।

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