बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को विधानसभा में तीन दिन पुरानी सरकार का बहुमत परीक्षण जीत लिया। उन्होंने ध्वनिमत से यह विश्वास मत जीता। साथ ही कर्नाटक विधानसभा ने ध्वनिमत से 3327 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को मंजूरी दी है। विधानमंडल दल की बैठक के बाद सोमवार को भाजपा ने अपने सभी 105 विधायकों को विधानसभा में विश्वास मत के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश देते हुए एक व्हिप जारी किया था।
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने विधानसभा में कहा कि वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना नहीं बनाएंगे। उनका मंत्र ‘भूल जाओ और माफ कर दो’ है। मेरी प्राथमिकता प्रशासनिक मशीनरी को सक्रिय करना और कानून- व्यवस्था को बहाल करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सूखे की चपेट में है। मैं किसानों के मुद्दे पर बात करना चाहता हूं। मैंने फैसला किया है कि 2000 रुपये की दो किश्तें प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत लाभार्थियों को प्रदेश की तरफ से दी जाएंगी। मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि मिलकर काम करें।
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने इस अवसर पर कहा कि हम आशा करते हैं कि येदियुरप्पा मुख्यमंत्री रहें, लेकिन इसकी कोई गांरटी नहीं है। आप बागियों के साथ रहकर स्थिर सरकार चाहते हैं? मैं विश्वास प्रस्ताव का विरोध करता हूं क्योंकि यह सरकार असंवैधानिक और अनैतिक है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि येदियुरप्पा कभी भी जनमत से मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। जनमत 2008 में भी नहीं था और आज भी नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने 14 माह सरकार चलाई है और मेरे पास येदियुरप्पा के सवालों का जवाब देने की मजबूरी नहीं है। पिछले 14 महीने से सब कुछ रिकॉर्ड हो रहा है, जनता को पता है कि मैंने क्या किया है।
इससे पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक विधानसौधा में हुई जिसमें विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के अलावा कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव, केजी जॉर्ज, प्रियांक खड़गे, एमबी पाटिल, ईश्वर खंडरे आदि मौजूद थे। बैठक के बाद सिद्धारमैया ने ट्वीट कर सवाल किया है कि जब कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की गई है तो भाजपा को इतनी परेशानी क्यों हो रही है।
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