10 फरवरी बसन्त पंचमी पर विशेष: शरद ऋतु की विदाई का पर्व है बसन्त पंचमी

बसन्त पंचमी एक प्रसिद्ध भारतीय त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा सम्पूर्ण भारत में बड़े उल्लास के साथ की जाती है। इस दिन स्त्रियां पीले वस्त्र धारण करती हैं। बसन्त पंचमी के पर्व से ही बसंत ऋतु का आगमन होता है। शांत, ठंडी, मंद वायु, कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सब को नवप्राण व उत्साह से स्पर्श करती है। यह विद्यार्थियों का भी दिन है, इस दिन विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा आराधना भी की जाती है। बसन्त ऋतु तथा…

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कामनाओं पर विजय

-आचार्य शिवेंद्र नागर- सुबह एक-डेढ़ घंटे पार्क में आसन-प्रायाणाम करने को ही लोग योग मानते हैं, किंतु योग इतना भर नहीं, अपितु अपने मन की कामनाओं को ज्ञान की लगाम से सही दिशा और दशा देना है.. यत्रोपरमते चित्तं निरुद्धं योगसेवया। यत्र चैवात्मनात्मनं पश्यन्नात्मनि तुष्यति।। श्रीमद्भगवद्गीता के इस श्लोक का अर्थ है कि योग के अभ्यास से निरुद्ध (बांधा हुआ) चित्त ऐसी अवस्था में पहुंच जाता है, जहां वह सभी विषयों से हटकर आत्मा द्वारा आत्मा को देखकर स्वयं में ही संतुष्ट हो जाता है। योग के अभ्यास का प्रमुख…

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प्रह्लाद के गुरु का साधना-स्थल

पूरे देश में महादेव के नौ नाथ की उत्पत्ति-कथा और माहात्म्य बड़ी श्रद्धा से कहे-सुने जाते हैं। ऐसा ही एक शिवालय बिहार के गया क्षेत्र के फतेहपुर अंचल में है, जिसे संडेश्वर नाथ महादेव के नाम से जाना जाता है और उसकी गिनती मगध के नौ नाथों में पहले स्थान पर की जाती है। प्राचीन मगध राज्य की प्रारंभिक राजधानी राजगीर से चार कोस दक्षिण और मोक्ष नगरी गया से तीन कोस पूरब में ढाढर नदी के किनारे स्थित बाबा संडेश्वर नाथ का यह स्थान देश के नौ नाथ मंदिरों…

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भक्तराज अंबरीश की रक्षा करता था सुदर्शन चक्र

भक्तराज अम्बरीश महाराज नागभाग के पुत्र थे। वे सप्त द्वीपवती पृथ्वी के एकमात्र सम्राट थे। संपूर्ण ऐश्वर्य के अधीश्वर होते हुए भी संसार के भोग पदार्थों में उनकी जरा भी आसक्ति नहीं थी। उनका संपूर्ण जीवन भगवान की सेवा में समर्पित था। जो अनन्य भाव से भगवान की भक्ति प्राप्त कर लेता है, उसके योग क्षेम का संपूर्ण भार भगवान अपने ऊपर ले लेते हैं। इसीलिये महाराज अम्बरीश की सुरक्षा के लिए भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र को नियुक्त किया था। सुदर्शन चक्र गुप्त रूप से भगवान की आज्ञानुसार महाराज…

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सुखी जीवन का उपहार

ज्ञान बांटने से बढ़ता है। यदि इसे आप अपने तक ही सीमित रखेंगे तो यह खत्म हो जाएगा। अब कैसे इस ज्ञान को फैलाना है, इसके लिए निपुणता की आवश्यकता है। कई लोग ऐसे हैं, जिनके जीवन में मन की गहराई और सच्चाई (लगन) का नाम नहीं। लोगों को इस तथ्य से अवगत कराना आप पर निर्भर है। इसीलिए सत्संग का विधान है। सत्संग मतलब सत्य का साथ। आम आदमी के लिए सब कुछ सीखना संभव नहीं। मगर आप ऐसा कुछ सीख सकते हैं जिससे आप सब कुछ जान सकते…

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धन और ज्ञान मात्र संग्रह ही नहीं, सदुपयोग भी जरूरी है

एक गांव में धर्मदास नामक एक व्यक्ति रहता था। बातें तो बड़ी ही अच्छी-अच्छी करता था पर था एकदम कंजूस। कंजूस भी ऐसा वैसा नहीं बिल्कुल मक्खीचूस। चाय की बात तो छोड़ो, वह किसी को पानी तक के लिये नहीं पूछता था। साधु-संतों और भिखारियों को देखकर तो उसके प्राण ही सूख जाते थे कि कहीं कोई कुछ मांग न बैठे। एक दिन उसके दरवाजे पर एक महात्मा आए और धर्मदास से सिर्फ एक रोटी मांगी। पहले तो धर्मदास ने महात्मा को कुछ भी देने से मना कर दिया लेकिन…

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प्रेमियों की मुराद पूरी करते हैं यह भगवान

यूं तो हर मुहल्ले और शहर में मंदिर मिल जाएंगे। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जो किसी खास बात को लेकर बहुत प्रसिद्ध हो जाते हैं। ऐसे ही कुछ मंदिर हैं जो प्रेमियों का मिलन करवाने के लिए बहुत प्रसिद्ध हो चुके हैं। इन मंदिरों के विषय में माना जाता है कि यहां आकर जो प्रेमी मिलन की मन्नत मांगते हैं उनकी मुराद पूरी होती है। राजस्थान का जोधपुर शहर, यहां गणेश जी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहां हर बुधवार भक्तों की लंबी कतार लगती है। इनमें अधिकतर ऐसे…

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संसार में कौन धन्य है?

सदा भगवान के कार्य में जो अपनी देह को कष्ट देता है। मुख से अखंड राम-नाम का उच्चारण करता है। स्वधर्मपालन में बिल्कुल तत्पर है। मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचंद्रीजी का ऐसा दास इस संसार में धन्य है। (वह) जैसा कहता है। वैसा ही करता है। नाना रूपों में एक ईश्वर (रूप) को ही देवता है और जिसे सगुण-भजन में जरा भी संदेह नहीं वहीं मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचंद्रीजी का सेवक इस संसार में धन्य है। आयु का हरण जिसने मद, मत्सर और स्वार्थ का त्याग कर दिया है। जिसके सांसारिक उपाधि नहीं है और…

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ड्रैगन को बनाएं अपने घर का सुरक्षा कवच

फेंगशुई का विज्ञान इसी बात पर जोर देता है कि अधिक से अधिक सकारात्मक ऊर्जा पाने के लिए ऐसे उपाय अपनाए जाए जिनमें कम से कम साजो-समान, प्रयास या समय खर्च करना पड़ें। फेंगशुई चाईनिस वास्तु है। जो चीन में ही नहीं भारत के लोगों में भी काफी लोकप्रिय है। पशु-पक्षियों को फेंगशुई बहुत महत्व देता है और उन्हें उचित दिशा में रखकर मनचाही इच्छाओं की पूर्ति करता है। फेंगशुई ज्ञाताओं का मानना है कि घर के मुख्यद्वार के बाहर काला कछुआ, लाल पक्षी, सफेद बाघ एवं हरा ड्रैगन होते…

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विष्णु के ऋषि अवतार नर और नारायण

भगवान विष्णु ने धर्म की पत्नी रुचि के माध्यम से नर और नारायण नाम के दो ऋषियों के रूप में अवतार लिया। वे जन्म से तपोमूर्ति थे, अतः जन्म लेते ही बदरीवन में तपस्या करने के लिये चले गये। उनकी तपस्या से ही संसार में सुख और शांति का विस्तार होता है। बहुत से ऋषि मुनियों ने उनसे उपदेश ग्रहण करके अपने जीवन को धन्य बनाया। आज भी भगवान नर नारायण निरन्तर तपस्या में रत रहते हैं। इन्होंने ही द्वापर में श्रीकृष्ण और अर्जुन के रूप में अवतार लेकर पृथ्वी…

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