-डॉ. नीलम महेंद्र- पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के विरोध में लगभग एक हफ्ते से न सिर्फ पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं बल्कि देश भर में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन भी जारी हैं। राजधानी दिल्ली में ही इस हड़ताल के चलते मरीज़ों को होने वाली परेशानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि राजधानी के छः बड़े अस्पतालों में लगभग 40000 मरीज़ों को इलाज नहीं मिल सका और एक हज़ार से अधिक ऑपरेशन टाल दिए गए। हड़ताल के कारण उपचार नहीं मिलने से…
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बिलखती आंखों की यही पुकार, मेरे बच्चे को बचा लो सरकार
-मुरली मनोहर श्रीवास्तव- मजफ्फरपुर में बच्चों की हो रही मौत, सरकारी व्यवस्था पर उठा रहा सवाल पिछले कई वर्षों से बीमारियों के निदान के लिए नहीं निकाला गया कोई उपाय ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे हो रहे हैं इसके शिकार मेरे बच्चे को बचा लो साहब…देखो न कैसे-कैसे कर रहा है…हम गरीब हैं…हमारे आप ही सबकुछ हैं…आप सुनते क्यों नहीं….और दारुण आवाज के साथ क्रंदन करती मां अस्पताल के दहलीज पर अपने माथे को पटकती रह जाती है…मगर किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। कुछ पल जैसे ही…
Read Moreहिन्दी फिल्में देखने वाले तमिलनाडु में हिन्दी का विरोध क्यों?
आर.के. सिन्हा तमिलनाडु में फिर से एक बार हिन्दी का राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है। दरअसल विरोध नई शिक्षा नीति (2019) के मसौदा में त्रिभाषा फार्मूले पर था। यह विरोध जमीन पर कितना था, यह जानने के लिए कभी तमिलनाडु भी चले जाना चाहिए। सच तो यह है कि 60 के दशक की तुलना में दक्षिण राज्यों में अब तो हिन्दी का विरोध रत्तीभर भी नहीं रहा। अब वहां पर हिन्दी का विरोध करना सिर्फ सियासी मामला है। जिस राज्य में हिन्दी फिल्मों को देखने के लिए जनता सिनेमाघरों…
Read Moreलद गए राजा और महाराजा के दिन
प्रभात झा मध्यप्रदेश की सरकार अल्पमत में है। 11 दिसंबर 2018 को मध्यप्रदेश का परिणाम आया था। कांग्रेस को 114 और भाजपा 109 विधानसभा की सीटें मिली थीं। ‘नंबर गेम’ के कारण बिना किसी जोड़-तोड़ के भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। कमलनाथजी की लंगड़ी सरकार ने शपथ ली। अभी मात्र 6 माह हुए थे। लोकसभा का चुनाव आया। जनता-जनार्दन के सहयोग से 6 माह के भीतर कमलनाथ की सरकार विश्वास खो चुकी। पूरे देश को आश्चर्य लगा कि 29…
Read Moreपुरानी जोड़ी, नया सफ़र, मोदी-शाह
सज्जाद हैदर भारत की राजनीति में एक बार फिर सियासी जोड़ी का रूप उभरकर देश की जनता के सामने बड़ी ही मजबूती के साथ आया है। यह उस समय की यादों को ताज़ा कर देता है कि जब देश की राजनीति की धुरी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई तथा लाल कृष्ण आडवाणी की जोड़ी देश की सियासत की धुरी हुआ करती थी। गुजरात से चलकर देश के सियासत में अपनी मजबूत पकड़ बनाने के बाद अब यह जोड़ी कुछ नया करिश्मा करने जा रही है, जिसके संकेत प्रधानमंत्री ने…
Read Moreजहरीली जुबान से किसका भला चाहते हैं ओवैसी
डॉ. मयंक चतुर्वेदी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी जिस तरह से अपनी जहरीली जुबान का प्रयोग करते हैं, उससे लगता है कि पता नहीं कब भारत की सर्वधर्म सद्भाव की फिजां खराब हो जाए। हाल में मक्का मस्जिद में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कहा कि ‘हम यहां पर बराबर के शहरी हैं, किराएदार नहीं हैं। हिस्सेदार रहेंगे। अगर कोई यह समझ रहा है कि हिंदुस्तान के वजीरे-ए-आजम 300 सीट से हिंदुस्तान पर मनमानी करेंगे तो नहीं हो…
Read Moreजय श्रीराम के नारे से क्यों चिढ़ने लगीं ममता
योगेश कुमार सोनी पिछले दिनों दो बार ऐसा देखा गया कि पश्चिम बंगाल में कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए जिससे ममता बनर्जी इतनी नाराज हो गईं कि गाड़ी से उतरकर ऐसे लड़ रही थीं कि जैसे वो उनकी चिढ़ हो। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति मानी जा रही है। कभी बचपन में ऐसा होता था कि मजाक में किसी के नाम को बिगाड़ कर या किसी बच्चे को कोई जो चीज पसंद न हो और उसके सामने बार-बार उस चीज का नाम लेकर चिढ़ाया जाता था। लेकिन एक…
Read Moreसमाज में नकारात्मकता की बढ़ती स्वीकार्यता
-निर्मल रानी- पौराणिक कथाओं के अनुसार जहां भारत को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पावन धरती के नाम से जाना व पहचाना जाता है वहीं आधुनिक इतिहास में भारत की पहचान गांधी के देश के रूप में होती है। भगवान राम हों या महात्मा गांधी दोनों ही त्याग-तपस्या,सत्य व अहिंसा के रूप में याद किए जाते हैं। भगवान राम ने जहां अपने जीवनकाल में माता-पिता के आदेश की पालना,भ्राता प्रेम,राजपाट के त्याग,प्राणियों में सद्भाव,घोर तपस्या तथा अहंकार के अंत के रूप में अपनी पहचान बनाई वहीं महात्मा गांधी ने भी…
Read Moreकान में कांजीवरम साड़ी में कंगना
-विवेक कुमार पाठक- जिस कान फिल्म फेस्टिवल में अभिनेत्री ऐश्वर्या रॉय स्टायलिश गाउन पहनकर हॉलीवुड अभिनेत्रियों से कदमताल करती नजर आती हैं वहां इस बार विश्व सिनेमा फैशन जगत ने हिन्दुस्तानी पहनावे का दीदार किया। भारत की बेबाक अभिनेत्री और मणिकर्णिका के कारण देश दुनिया में चर्चित रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत इस बार अलग ही अंदाज में कान के रेड कारपेट पर उतरीं। कंगना ने यहां परंपरागत कांजीवरम साड़ी पहनकर हिन्दुस्तानी दस्तकारी व कसीदाकारी की दुनिया के लाखों कैमरों के सामने गजब ब्रांडिंग की। कंगना का लीक से हटकर…
Read Moreतूफान फेनी का चुनावी गतिविधियों पर भारी पड़ने के निहितार्थ
-डॉ. हिदायत अहमद खान- जब तक पर्यावरण और प्रकृति आपका साथ दे रहे हैं तभी तक आप अपने सिद्धांतों, नियमों और कानून-कायदों की बात कर सकते हैं, उस पर कायम रह सकते हैं और दूसरों से उसके पालन के लिए भी कह सकते हैं, लेकिन जैसे ही यह प्रकृति विपरीत दिशा में जाकर आपके सम्मुख किसी ललकारने वाले योद्धा की तरह खड़ी हो जाती है, वैसे ही आप सब कुछ भूल सिर्फ अपने अस्तित्व को बचाने की फिराक में लग जाते हैं। यह है हमारे पर्यावरण और प्रकृति की ताकत…
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