असंगठित जनता को लूटते संगठित व्यवसायी?

-निर्मल रानी- लगभग दस बारह वर्ष पूर्व आपने मोबाईल नेटवर्क उपलब्ध करने वाली एयरटेल जैसी कई कम्पनीज के ऑफ़र्स में लाइफ टाइम ऑफर दिए जाने के बारे में जरूर सुना होगा। मेरे जैसे करोड़ों देशवासियों ने हर महीने मोबाईल टाक टाईम चार्ज करवाने की झंझट से बचने के लिए कंपनी के लाइफ टाइम ऑफर को स्वीकार करते हुए उसके द्वारा मांगे गए एक हजार रुपए भी दे दिए थे। इसके कुछ समय पश्चात् इस प्रकार का लाइफ टाइम ऑफर स्वीकार करने वालों के मोबाईल फ़ोन पर उन कम्पनीज द्वारा इस…

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मोदी की काशी में अजन्मी कन्याओं का पिंडदान

-प्रभुनाथ शुक्ल- महादेव की पुण्य नगरी काशी से पितृपक्ष में सकारात्मक खबर आयी है। सामाजिक संस्था आगमन ने दशाश्वमेध गंगा घाट पर सोमवार को यानी मातृनवमी के दिन उन अजन्मी बेटियों के लिए जो इस दुनिया में जन्म लेने के पूर्व माँ गर्भ में मारी दी गयी के लिए 5500 पिंडदान किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार से अजन्मी उन कन्याओं को याद कर उनकी भटकती आत्माओं को शांति प्रदान की गयी। घाट पर मौजूद विद्वानों ने धार्मिक अनुष्ठान के जरिए तर्पण कराया। काशी से निकला यह संदेश निश्चित रुप से दूर…

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जल विद्युत का सूर्यास्त

-भरत झुनझुनवाला- केंद्र सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा अथवा रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा दिया है। मुख्य कारण है कि कोयले से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनता है। तेल का हमें आयात करना पड़ता है और वह भी महंगा पड़ता है। परमाणु ऊर्जा भी हमारे लिए कठिन है क्योंकि रिहायशी इलाकों में इन संयंत्रों को लगाने में खतरा रहता है और हमारे पास इन्हें चलाने के लिए यूरेनियम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। इन सभी कारणों को देखते हुए सरकार ने सौर ऊर्जा और…

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उपचुनाव बदलेंगे समीकरण

-सिद्घार्थ शंकर- निगाहें हालांकि हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव पर है, मगर इसी दौरान 18 राज्यों की 63 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के नतीजे कई राज्यों में सियासत की नई पटकथा लिखेंगे। मसलन कर्नाटक में विधानसभा उपचुनाव सीएम बीएस येदियुरप्पा के लिए करो या मरो का सवाल है तो यूपी और बिहार में सीएम योगी आदित्यनाथ व नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा का सवाल। राजस्थान और मध्यप्रदेश के नतीजे बताएंगे कि वहां की सियासत में जारी शह और मात के खेल में भाजपा और कांग्रेस में किसका पलड़ा…

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साझा सपनों का मिलन

-सईद अहमद- दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के दोनों सर्वोच्च नेताओं का ऐसा आलिंगन, ऐसा मिलन पहले कभी देखा है? यह उज्ज्वल भविष्य के लिए साझा सपनों का मिलन था या विश्व की दो महाशक्तियों ने अपने मिलन का एक बार फिर इजहार किया था? क्या अमरीकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री की ऐसी उत्साहित और सकारात्मक देह-भाषा का कोई उदाहरण मौजूद रहा है? अमरीका के सामने तो भारत सांप-सपेरों और 40-50 डालर वाला देश रहा है, लेकिन आज अमरीका के प्रांतों के 5 गवर्नर, करीब 50 सांसदों…

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हिन्दी दिवस पर विशेष : हिंदी कब बनेगी भारत की राष्ट्रभाषा?

-हिंदी बोलने में शर्म नहीं, गर्व महसूस करें भारतवासी -युद्धवीर सिंह लांबा- ‘निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटन न हिय के सूल’। हिंदी के महान कवि भारतेंदु हरिश्चंद्र सही लिखते हैं कि मातृभाषा की उन्नति बिना किसी भी समाज की तरक्की संभव नहीं है तथा अपनी भाषा के ज्ञान के बिना मन की पीड़ा को दूर करना भी मुश्किल है। देश की उन्नति में राष्ट्र भाषा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। पहली…

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अनुच्छेद 370 : प्रचार बनाम सच

-राम पुनियानी- अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने के भाजपा सरकार के निर्णय को सही ठहराने के लिए एक प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। अनुच्छेद 370 का उन्मूलन, लंबे समय से आरएसएस के एजेंडे में रहा है और राम मंदिर व समान नागरिक संहिता सहित हिन्दुत्व एजेंडे की त्रयी बनाता है। यह तर्क दिया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान के कारण बाहरी उद्योगपति वहां जमीनें नहीं खरीद पाए और इस कारण राज्य का विकास बाधित हुआ। यह भी कहा जा रहा है कि अनुच्छेद 370 के…

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नौ सौ चूहे खा पाक बना हाजी

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 115 पन्नों का झूठ का पुलिंदा रखा, तो भारत ने भी उसके तार्किक जवाब दिए। मानवाधिकार परिषद की ही अपनी कुछ पुरानी रपटें हैं, जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, उनके इस्लामीकरण के खुलासे करती हैं। ऐसी ही एक रपट में पाकिस्तान की तत्कालीन सर्वोच्च अदालत का भी उल्लेख है। रपटों के पूर्वाग्रह हो सकते हैं या उनके तथ्यों की भिन्न व्याख्या की जा सकती है, लेकिन पाकिस्तान के ही वजीर-ए-आजम इमरान खान की सियासी पार्टी-पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के पूर्व विधायक…

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चित्र नहीं चरित्र की पूजा करते है हिन्दू

-नरेन्द्र सिंह राणा- चित्र भी उसीका पूज्यनीय होता है जिसका चरित्र पूज्यनीय हो। हम हिन्दू चित्र की पूजा नहीं सत्य की पूजा करते है। मंदिर में जिस भी भगवान की पूजा हम करने जाते है उसका परम पवित्र परोपकारी चरित्र भी हम पढते, जानते अथवा सुनते है। उदाहरण के लिए परमात्मा श्री राम का चरित्र ही मर्यादा, त्याग, आज्ञा, दया, क्षमा, कृपा व प्रेम आदि सद्गुणों से भरा पडा है। श्रीरामचरित्रमानस ग्रंथ सम्पूर्ण विश्व में राम की लीलाओं को जानने समझने व उन्हें जीने के लिए उपलब्ध है। पूज्य गुरूदेव…

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कब तक सहते रहेंगे हिन्दी की उपेक्षा का दंश

–(हिन्दी दिवस, 14 सितम्बर पर विशेष)  –रमेश ठाकुर  धनाढ्य और विकसित वर्ग ने जब से हिन्दी भाषा को नकारा है और अंग्रेजी को संपर्क भाषा के तौर पर अपनाया है, तभी से हिन्दी के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। वैश्वीकरण और उदारीकरण के मौजूदा दौर में हिन्दी तेजी से पिछड़ रही है। 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। देशभर में कार्यक्रम आयोजित होते हैं। हर साल मंचासीन लोग गला फाड़-फाड़कर हिन्दी की रहनुमाई करते और हिन्दी की रक्षा के लिए छाती पीटते हैं। लेकिन असल सच्चाई देखें…

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