-तनवीर जाफ़री- भारत के इतिहास में 9 नवंबर की तारीख़ अयोध्या के विवादित मंदिर-मस्जिद मुद्दे के न्यायिक समाधान किये जाने की सर्वोच्च न्यायलय द्वारा की गई निर्णय रुपी कोशिश के लिए हमेशा याद रखी जाएगी। देश में चले इस सबसे दीर्घकालीन मुक़द्द्मे के फ़ैसले को कई अलग अलग पहलुओं से देखा जा रहा। हिन्दू व मुसलमान, दोनों ही पक्षों के लिए यह आस्था से जुड़ा विषय रहा तो दोनों ही पक्ष इस विवादित स्थान पर मालिकाना हक़ के लिए भी अदालती लड़ाई लड़ते रहे। “सौगंध राम की कहते हैं, हम…
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देश में अन्नदाता किसानों को खुशहाल बनाने की धरातल पर पहल कब
-दीपक कुमार त्यागी- आजाद भारत में हम सबका पेट भरने वाले अन्नदाता को आयेदिन अपने अधिकारों और हक को हासिल करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है। लेकिन देश की सरकारें है कि वो अपनी चतुर चाणक्य नीति से हर बार इन किसानों को आश्वासन देकर समझा-बुझाकर सबका पेट भरने के उद्देश्य से अन्न उगाने के लिए वापस खेतों में काम करने के लिए भेज देती है। देश में सरकार चाहें कोई भी हो, लेकिन अपने अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्षरत किसानों की झोली हमेशा खाली रह…
Read Moreसांसों का आपातकाल
-सईद अहमद- दिल्ली और आसपास प्रदूषण इतने जानलेवा स्तर तक पहुंच गया है कि इसे ‘सांसों का आपातकाल’ करार दिया जा रहा है। वैसे भी सरकार ने प्रदूषण का आपातकाल घोषित किया है। स्कूल बंद करा दिए गए हैं और कई गतिविधियों पर पाबंदी चस्पां की गई है। उसके बावजूद हवा इतनी जहरीली हो गई है कि प्रदूषण अपने औसत स्तर से 10-15 गुना ज्यादा तक बढ़ गया है। यदि जानलेवा से भी अधिक गंभीर कोई शब्द है, तो उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। कभी सर्वोच्च न्यायालय के एक…
Read Moreभारत में जनमत संग्रह हो
-भरत झुनझुनवाला- हमारे लोकतंत्र में व्यवस्था है कि जनता द्वारा प्रतिनिधि चुने जाएंगे और वे जनता के निर्देशानुसार संसद में अपने मत डालेंगे। इस प्रकार संसद द्वारा जनता की इच्छा के अनुरूप निर्णय लिए जाएंगे, लेकिन ऐसा होना जरूरी नहीं होता है। कारण यह कि जन-प्रतिनिधि अपने व्यक्तिगत स्वार्थों अथवा अपनी पार्टी के स्वार्थों के आधार पर संसद में मत डाल सकते हैं और उसी जनता के निर्देशों को नकार सकते हैं जिसके द्वारा उन्हें चुना गया है। यदि सभी पार्टियां इस प्रकार का व्यवहार करें तो जनता के सामने…
Read Moreआर्थिक सुस्ती के गंभीर असर
-सिद्वार्थ शंकर- इस वित्त वर्ष की शुरुआत से ही आर्थिक सुस्ती देखने को मिल रही है। इसके चलते औद्योगिक उत्पादन और रोजगार से लेकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है। कई महीने तक ऑटोमोबाइल सेक्टर भी सुस्ती का सामना करता रहा। हालांकि त्योहारों की वजह से इसमें सुधार देखा गया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने अब जो डेटा जारी किया जिसमें साफ देखा जा सकता है कि स्लोडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है। अक्टूबर में बेरोजगारी की दर बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो…
Read Moreविश्व सरकार बनाकर विश्व बचत दिवस को शत प्रतिशत सफल बनाया जा सकता
-प्रदीप कुमार सिंह प्रथम अंतर्राष्ट्रीय बचत कांग्रेस का आयोजन मिलान शहर (इटली) में वर्ष 1924 में किया गया था। इस अवसर पर 31 अक्टूबर को विश्व बचत दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाने की घोषणा की गयी थी। विश्व बचत दिवस की स्थापना दुनिया भर के लोगों को अपने पैसे की बचत, घर पर या अपने गद्दे के नीचे रखकर करने के बजाए बैंक में जमा करने के बारे में जागरूक करने के लिए की गई थी। 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के निधन के कारण…
Read Moreस्टैच्यू ऑफ यूनिटी: राष्ट्रीय गौरव एवं एकता का प्रतीक-इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’
योगेश कुमार गोयल वर्ष 2014 से लौहपुरूष सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है। पिछले वर्ष इस विशेष अवसर को और भी विशिष्ट बनाया, उसी दिन राष्ट्र को समर्पित किए गए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (एकता की मूर्ति) ने, जो वास्तव में करीब साढ़े पांच फुट ऊंचे रहे सरदार वल्लभ भाई पटेल की उनकी ऊंचाई से सौ गुना से भी ज्यादा ऊंची लौह से निर्मित दुनिया की सबसे ऊंची गगनचुंबी प्रतिमा है, यह भारतीय इंजीनियरिंग कौशल का एक अद्भुत नमूना है।…
Read Moreभाई-बहनों का पर्व : भाई दूज
-जया केतकी- संसार में प्रेम के लिए पति पत्नी का रिश्ता सबसे श्रेष्ठ होता है तो स्नेह के लिए भाई बहन का। भाई बहन के रिश्ते को सबसे पवित्र माना गया है। भाई बहन भले ही शरीर से दो हों परंतु वे एक ही अंश से उत्पन्न होते हैं और दोनों के शरीर में एक ही खून दौडता है। इनके स्नेहमयी सम्बन्धों का पर्व है रक्षा बंधन और भ्रातृ द्वितीया। भातृद्वितीया को एक अन्य नाम यम द्वितीया से भी सम्बोधित किया जाता है। यम द्वितीया का त्यौहार कार्तिक मास की…
Read Moreकांग्रेस में मोदी के प्रशंसक सिर माथे
-के.पी. सिंह- तो क्या राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव में अपने बेटे के अतिउत्साह के कारण पार्टी के रसातल में जाने की दलीलें देने वालों से सहमत हो गई हैं? क्या कांग्रेस में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति प्रशंसा का भाव रखने वालों को महत्व दिया जाने लगा है? इस तरह के सवाल पार्टी की शीर्ष संचालन समिति के रूप में सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई 17 सदस्यीय थिंक टैंक कमेटी में शामिल चेहरों को देखने के बाद उभरे हैं। जिन्हें लेकर राजनीतिक पंडितों को समझ के फेर…
Read Moreआखिर क्यों थोक में हार जाते हैं मंत्री
-डॉ. अजय खेमरिया- तथ्य एकः हरियाणा सरकार के 11 में से 08 मंत्री विधानसभा चुनाव हार गए। बीजेपी बहुमत से छह सीटें पीछे रह गयी। तथ्य दोः महाराष्ट्र सरकार के 07 मंत्री विधानसभा चुनाव हार गए। बीजेपी की सीटें पहले के मुकाबले घट गयीं। तथ्य तीनः मप्र में बीजेपी सरकार में मंत्री रहे 13 उम्मीदवार विधानसभा चुनाव हार गए और 08 सीटें कम रहने के कारण पार्टी सत्ता से बाहर हो गयी। छत्तीसगढ़, राजस्थान में भी बीजेपी की सरकार के मंत्री रहे उम्मीदवार हारे और पार्टी सत्ता से बाहर हो…
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