-निर्मल रानी- प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता आमिर खां ने कुछ समय पूर्व सत्यमेव जयते नामक एक अति लोकप्रिय धारावाहिक में एक एपिसोड भारतीय चिकित्सा व्यवस्था को भी समर्पित किया था। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसं या वाला देश जहां जन सुविधाओं से जुड़ी अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है वहीं देश के आम नागरिकों के लिए समय पर उपयुक्त चिकित्सा हासिल कर पाना वास्तव में एक टेढ़ी खीर बन चुका है। डॉक्टर के जिस पेशे को समाज सेवा का अवसर प्रदान करने का आदर्श पेशा समझा जाता है वही…
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तू इधर-उधर की बात न कर
-तनवीर जाफरी- लोकसभा चुनावों के बादल सिर पर मंडराने लगे हैं। मौकापरस्ती तथा गठबंधनों में जोड़-तोड़ की कवायद शुरू हो चुकी है। नित नए राजनैतिक गठबंधन बनने व बिगडने की खबरें आने लगी हैं। दुर्भाग्यवश देश की जनता देख रही है कि चुनावी मुद्दों का पूरा का पूरा फोकस जन सरोकारों तथा विकास से हटकर मंदिर-मस्जिद,धर्म-जाति,भय-भावनाओं पर केंद्रित हो चुका है। सबका साथ-सबका विकास का नारा देेकर अबकी बार मोदी सरकार के जिस लक्ष्य को भाजपा ने 2014 में पूरी सफलता के साथ हासिल किया था वही भाजपा अब अपने…
Read Moreलोकतंत्र के महाकुंभ पर धुंधलके क्यों?
-ललित गर्ग- अप्रैल-मई 2019 में संभावित लोकसभा चुनाव को देखते हुए अनेक प्रश्न खडे़ हैं, ये प्रश्न इसलिये खड़े हुए हैं क्योंकि महंगाई, बेरोजगारी, बेतहाशा बढ़ते डीजल-पेट्रोल के दाम, आदिवासी-दलित समाज की समस्याएं, भ्रष्टाचार आदि समस्याओं के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये। आज भी आम आदमी न सुखी बना, न समृद्ध। न सुरक्षित बना, न संरक्षित। न शिक्षित बना और न स्वावलम्बी। अर्जन के सारे स्रोत सीमित हाथों में सिमट कर रह गए। समृद्धि कुछ हाथों में सिमट गयी है। स्वार्थ की भूख परमार्थ की…
Read Moreप्रियंका की सक्रियता से क्यों मची है खलबली
-सुंदरचंद ठाकुर- गर कोई कहे कि प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में पदार्पण करने से किसी को ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला और खासकर मोदी सरकार के लिए तो कतई खतरे की बात नहीं तो वह इस देश में महिला राजनीतिकों के प्रभाव को लेकर अल्पज्ञान का शिकार माना जाएगा। कोई अगर इसे सिर्फ कांग्रेस के परिवारवाद के एक पहले से तय कदम के रूप में देखता हो, जिसे कि देर सबेर लिया ही जाना था तो उसे भी इस कदम को उठाने के समय पर गौर करना होगा क्योंकि…
Read Moreआरक्षण के आर्थिक आधार की जटिलताएं, उलझता मामला
-सुधांशु रंजन- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान किए जाने के बाद पिछड़े वर्गों के लिए इसकी सीमा बढ़ाने की मांग उठ रही है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि 2021 की जनगणना जाति-आधारित हो और हर जाति को उसकी संख्या के अनुरूप आरक्षण मिले। यानी हर प्रत्याशी की प्रतिद्वंद्विता अपनी जाति के अंदर होगी और सामान्य श्रेणी कोई नहीं रहेगी। आर्थिक पिछड़ेपन को आरक्षण का आधार बनाने को लेकर कई गलहफहमियां हैं। 103वें संविधान संशोधन अधिनियम को डीएमके ने मद्रास हाईकोर्ट में…
Read Moreनिहायत सरल, सहज और जमीनी राजनेता पद्म भूषण कडि़या मुंडा
-अशोक प्रवृद्ध- गणतंत्र दिवस के अवसर पर अलग-अलग क्षेत्रों में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वालों में झारखंड की पांच विभूतियां अर्थात शख्सियतें भी शामिल हैं। इनमें खूंटी से भारतीय जनता पार्टी के सांसद कडि़या मुंडा को सामाजिक कार्य के लिए पद्म भूषण मिला है। झारखंड से ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए जमुना टुडू, सांस्कृतिक क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए बुलू इमाम को पद्मश्री और पर्वतारोही बछेंद्री पाल को पद्म विभूषण से…
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