रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों द्वारा हत्या की जांच कर रही नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को हाईकोर्ट में चुनौती देने का मामला सामने आया है। इस हमले में भाजपा विधायक के साथ मारे गए आरक्षक के भाई झुमर क्वामी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसका खुलासा शुक्रवार को हुआ। दायर याचिका में कहा गया है कि विधायक मंडावी हत्याकांड की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस पहले से कर रही थी। जांच लगभग पूरी हो गई है। ऐसी स्थिति में एनआईए द्वारा जांच करना संविधान के खिलाफ है। याचिकाकर्ता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता तथा कांग्रेस पार्टी से राज्य सभा सदस्य विवेक तन्खा ने यह मामला हाईकोर्ट में दायर किया है। शुक्रवार को एक बयान में उन्होंने कहा कि इस मामले में एनआईए द्वारा जांच करना लोकतंत्र के संघीय ढाचे के खिलाफ है। विवेक तन्खा ने संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां भी विवेचना शब्द आएगा, उस जांच की जिम्मेवारी राज्य की पुलिस करेगी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस याचिका पर जांच एजेंसी एनआईए, केंद्र सरकार व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है तथा चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी। उल्लेखनीय है कि एनआईए जांच के आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिया गया था। यह आदेश तब दिया गया था, जब प्रदेश भाजपा के नेताओं ने छ्ततीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर भीमा मंडावी मामले की जांच सही से नहीं करने का आरोप लगाया था। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी एनआईए जांच का विरोध कर चुके हैं और एनआईए को जांच से जुड़ी फाइल सौंपने से इंकार कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य पुलिस ने एनआईए को जांच संबंधी सभी फाइलें सौंपी थी।
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