बंगाल के मदरसों में आतंकियों को पनाह : ममता ने खारिज किया केंद्र का दावा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मदरसों में बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) का ठिकाना होने के केंद्र सरकार के दावे को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खारिज कर दिया है। शुक्रवार को राज्य विधानसभा में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सच है कि केंद्र सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में मौजूद मदरसों में आतंकी गतिविधियों के बारे में जानना चाहा था। राज्य सरकार ने इससे संबंधित उत्तर भी दिया था लेकिन संसद में राज्य सरकार के उत्तर को रेखांकित नहीं किया गया और केंद्र सरकार ने अपने स्वार्थ और सुविधा के अनुसार तथ्य रखा है। विधानसभा में “मेंशन” सत्र के दौरान तृणमूल विधायक नरगिस बेगम ने जानना चाहा था कि केंद्र सरकार ने ऐसा दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के मदरसों में आतंकी गतिविधियां बढ़ रही हैं। इसमें कितनी सच्चाई है? इसका जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री सदन में खड़ी हुईं। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के बारे में अगर किसी तरह का प्रश्न संसद में पूछा जाता है तो संबंधित मंत्रालय इसका जवाब देता है। मदरसों में आतंकी गतिविधियों के बारे में केंद्र सरकार ने हमारे पास भी एक प्रश्न भेजा था जिसका जवाब हमने दिया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी की अनुमति लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 जून को केंद्रीय गृह विभाग की ओर से प्रश्न (संख्या 476) में यह पूछा गया था कि राज्य के कुछ जिलों में मदरसों के जरिए आतंकी संगठनों को मदद की जा रही है। इसमें कितनी सच्चाई है? राज्य सरकार ने मौजूदा रिपोर्ट के अनुसार इसका जवाब दिया था, लेकिन संसद में जब इससे संबंधित तथ्य रखा गया है तब राज्य के उत्तर को दरकिनार कर दिया गया है और भाजपा अपनी इच्छा के मुताबिक तथ्यों को सजाकर संसद में रखी है। इससे मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधी तो अपराधी होते हैं, आतंकवादी तो आतंकवादी होते हैं और गैर सामाजिक गैर सामाजिक ही होते हैं। अल्पसंख्यकों को हर चीज में संलिप्त करना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 1300 मदरसे चलते हैं। सारे मदरसे आतंकवाद से जुड़े हैं, ऐसा नहीं कहा जा सकता। इसके बाद उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की तुलना भी आतंकी गतिविधियों से करते हुए कहा कि अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में विहिप को मजहबी आतंकी संगठन के रूप में चिन्हित किया गया है। यह मजहबी आधार पर तथ्यों को गलत तरीके से परिभाषित करने जैसा है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसा सोच-समझ कर रही है ताकि राज्य के माहौल को गलत तरीके से परिभाषित किया जाए और उसका राजनीतिक लाभ हो। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र द्वारा पूछे गए प्रश्न और उसके जवाब में राज्य द्वारा दिए गए आंकड़ों की प्रति विधानसभा में जमा करने की अनुमति मांगी। विमान बनर्जी ने इसकी अनुमति दी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य दोनों के सवाल जवाब की प्रति विधानसभा में जमा कराई।

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