गुवाहाटी। असम सरकार के वित्त मंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने बुधवार को विधानसभा में चालू वित्त वर्ष का कुल 98,339.05 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में चाय किसानों, जनजातियों, महिलाओं के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग क्षेत्र को तरजीह दी गई है । इसके अलावा राज्य सरकार ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में आमूल-चूल परिवर्तन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही 1139.04 करोड़ रुपये के बिना कर वाले घाटे का बजट भी बताया गया है।
वित्त मंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने सदन में वर्ष 2019-20 के बजट को पेश करते हुए किसी भी प्रकार का नया कर नहीं लगाया है। साथ ही छोटे चाय किसानों के लिए बजट में विशेष प्रावधान करते हुए उनके लिए कई नई योजनाओं को शामिल किया है। राज्य के वित्त मंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए वर्ष के अंत तक लेन-देन को समाहित करते हुए 1139.04 करोड़ रुपये के बिना कर वाले घाटे का बजट विधानसभा में पेश किया। विभिन्न मदों के लिए एकीकृत निधि के तहत कुल 98,339.05 करोड़ रुपये का 162 पृष्ठों का बजट प्रस्तुत किया। सदन में वित्त मंत्री ने तीन घंटे से अधिक समय तक बजट का पाठ किया।
वर्ष 2019-20 के वित्त बजट में राजस्व एकीकृत मद से 83147.99 करोड़ रुपये और मूल राजस्व मद से 15191.06 करोड़ रुपये , 100 करोड़ रुपये उप निमित्त एवं सार्वजनिक मद से 196542.08 करोड़ समेत कुल 29,4981.13 करोड़ रुपये का आय होगाइसके अलावा 2019-20 वित्त वर्ष में राजस्व मद से 79,742.26 करोड़ रुपये और मूल राजस्व मद से 19,676.65 करोड़ रुपये, एकीकृत निधि से 100 करोड़ रुपये और सार्वजनिक मद में 1,94,855.42 करोड़ रुपये समेत कुल 2,94,374.33 करोड़ रुपये साल के अंत तक खर्च होने का अनुमान जताया गया है। इस तरह वर्ष के अंत तक कुल लेन-देन के बाबत अनुमानित 606.80 करोड़ रुपये जमा रह जाएगा। किंतु, इसके साथ ही 1,799.84 करोड़ रुपये के घाटे के हिसाब को शामिल करने पर वर्ष 2019-20 वित्त वर्ष के बजट के घाटे का परिमाण 1193.04 करोड़ रुपये होगा।
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