नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को लेकर आज लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ है। बिल का विरोध करते हुए एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एक टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है। ओवैसी ने बिल के विरोध में गृहमंत्री की तुलना हिटलर से करते हुए कहा था कि अगर यह बिल पास हो जाता है तो गृहमंत्री का नाम हिटलर और दविद बेन-गोयोन की लिस्ट में आ जाएगा। स्पीकर ने इस टिप्पणी के लिए ओवैसी को फटकार लगाते हुए कहा कि सदन में ऐसे अमर्यादित शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने सदन की कार्यवाही से शब्द हटाने की भी घोषणा की। ओवैसी ने बिल के विरोध में कहा, ‘मैं आपके (स्पीकर) माध्यम से अपील करना चाहता हूं, देश को ऐसे कानूनों से बचाएं। गृहमंत्री को इस कानून से बचाएं नहीं तो उनका नाम भी न्यूरेमबर्ग रेस लॉ और इजरायल सिटिजनशिप ऐक्ट की लिस्ट में शामिल हो जाएगा। गृहमंत्री का नाम हिटलर और दविद बेन-गोयोन की लिस्ट में आ जाएगा।’ बता दें कि गोयोन को आधुनिक इजरायल का संस्थापक माना जाता है। बता दें कि इस बयान पर बीजेपी के सदस्यों ने आपत्ति दर्ज की जिसके बाद इसे रेकॉर्ड से हटा लिया गया।
लोकसभा में आज गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया तो विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। करीब एक घंटे तक इस बात पर तीखी नोकझोंक हुई कि इस बिल को सदन में पेश किया जा सकता है या नहीं। विपक्ष द्वारा बिल के अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगाने पर शाह ने बंटवारे का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। इससे पहले सदन में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संविधान की प्रस्तावना और नागरिकों को प्रदत्त मूल अधिकारों का हवाला देते हुए नागरिकता संशोधन विधेयक को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि सरकार आर्टिकल 14 को नजरअंदाज कर रही है। यह हमारे लोकतंत्र का ढांचा है। अधीर के जोरदार हंगामे पर शाह ने तंज कसा कि अधीर जी इतने अधीर मत होइए।
This post has already been read 6605 times!