नई दिल्ली। केरल के राज्यपाल पद के लिए आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को सूबे की मूल भाषा मलयालम में तिरुवनंतपुरम के राजभवन में शपथ ली। उत्तर प्रदेश के रहने वाले आरिफ मोहम्मद खान से अंग्रेजी या हिंदी में शपथ लेने की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने पहले मलयालम में और बाद में अंग्रेजी में फिर से शपथ लेकर लोगों को चौंका दिया। केरल के मुख्य न्यायाधीश हृषिकेश रॉय ने खान को शपथ दिलाई। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी उपस्थित थे। आरिफ मोहम्मद खान गुरुवार को केरल पहुंचे थे। पूर्व कांग्रेस नेता रहे आरिफ मोहम्मद खान ट्रिपल तलाक के उन्मूलन के प्रबल समर्थक रहे हैं। केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार द्वारा पिछले सप्ताह उन्हें केरल के राज्यपाल के रूप में नामित किया गया था। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा के सदस्य रहे हैं। राजीव गांधी और वीपी सिंह दोनों के मंत्रिमंडल में केंद्र सरकार में मंत्री रहे। उन्होंने 1986 में शाहबानो मामले में राजीव गांधी सरकार के फैसले से नाइत्तेफाक रखते हुए इस्तीफा दे दिया था।देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रहे पी सदाशिवम, जो बाद में कर्नाटक के राज्यपाल बने थे, उनका कार्यकाल पूरा होने पर खान ने सूबे के नए राज्यपाल का पदभार शुक्रवार को औपचारिक रूप से संभाल लिया। खान की नियुक्ति एक ऐसे राज्य में की गई है, जहां भाजपा लगातार बढ़त हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। आरिफ मोहम्मद खान हाल ही में संसद द्वारा पारित तीन तलाक कानून के प्रबल समर्थकों में रहे हैं। वह साल 2004 में भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व द्वारा उपेक्षित किए जाने का अहसास होने पर पार्टी छोड़ दी थी।
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