नई दिल्ली । सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर रविवार को हिन्दुस्तान लीवर कंपनी(एचयूएल) के डिटर्जेंट सर्फ एक्सल के एक विज्ञापन को लेकर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा। होली की थीम पर बने इस विज्ञापन को लोगों ने बहुसंख्यक हिन्दुओं की भावनाओं के ठेस पहुंचाने वाला बताया। इतना ही नहीं लोगों ने आरोप लगाया कि बॉलीवुड की तर्ज पर विदेशी कंपनियां भी भारत के बहुसंख्यक हिन्दुओं के त्यौहार, रीति-रिवाज, संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का समय-समय पर मजाक बनाती हैं। लोगों की प्रतिक्रिया के चलते बायकाट सर्फ एक्सल हैसटैग टॉप ट्रेंड करता रहा।
दुनिया की सबसे बड़ी उपभोक्ता उत्पादक कंपनी यूनिलीवर की भारतीय शाखा एचयूएल ने अपने ब्रांड सर्फ एक्सल के विज्ञापन में हिन्दू और मुस्लिम बच्चों को दिखाया है। विज्ञापन में एक हिन्दू बालिका अपने मुस्लिम पड़ोसी बच्चे के लिए पूरे मोहल्ले के बच्चों के रंग खुद पर डलवा लेती है। जब सबके रंग खत्म हो जाते हैं तो वह हिन्दू बच्ची अपने मुस्लिम देस्त को अपनी साइकिल पर बैठाकर मस्जिद तक छोड़कर आती है। इस तरह वह मुस्लिम बच्चा बिना रंग से सराबोर हुए मस्जिद तक नमाज पढ़ने के लिए पहुंच जाता है। लोगों का आरोप है कि होली जैसे हिन्दुओं के पवित्र त्योहार को एक विदेशी कंपनी क्यों अपने फायदे के लिए विज्ञापन में उपयोग में ला रही है। क्यों इस विदेशी कंपनी यूनिलीवर ने बच्चों के बीच में हिन्दु-मुस्लिम वाला भेद बताया। होली के रंग पवित्र होते हैं ऐसे में उन्हें दाग की संज्ञा देने पर भी लोगों ने रोष जताया है।
इस पर योगगुरु बाबा रामदेव ने ट्वीट कर कहा कि हम किसी भी मजहब के विरोध में नहीं हैं लेकिन जो चल रहा है उस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लगता है जिस विदेशी सर्फ से हम कपड़ों की धुलाई करते हैं अब उसकी धुलाई के दिन आ गए हैं।
इस मामले पर कुछ ट्विटर यूजर ने अपने पक्ष रखते हुए ट्वीट किए हैं। अवनीश राजपूत ने लिखा है, सर्फ एक्सेल कुछ दाग बहुत अच्छे होते हैं। हम तो होली पर रंगों के दाग ‘सर्फ एक्सेल’ से धो लेंगे लेकिन तुम भी अपने मन की कालिख को इसी से धुलना। ठीक है तो आइए इस होली पर जमकर रंग खेलें और संप्रदायिक सौहार्द को मजबूत रखें।
पंडिताईन उवाच ने ट्वीट किया कि लेखक होने के साथ-साथ गृहणी भी हूं। घड़ी डिटरजेंट बेहतरीन है। आज ही सर्फ एक्सल को फेंक दें। यह डिटरजेंट हमारी बच्चियों को गलत शिक्षा देता है। कल को जब हमारी बेटियां लव जेहाद का शिकार होंगी तो यह लोग चुप्पी साध लेंगे।
अंकित शुक्ल ने कहा यूनिलीवर दाग अच्छे हैं क्योंकि होली के पवित्र रंगों के हैं। सर्फ एक्सल में दम हो तो इस प्रकार के एड दूसरे पंथ पर भी बनाए। क्या सारी गंगा-जमुना तहजीब हमें ही सिखाई जाएगी।
आलोक मिश्रा ने ट्वीट किया कि लव जिहाद का ऐड सर्फ एक्सेल जिस किसी के घर में यूज होता हो बहिष्कार करो।
अशोक सिरोही ने ट्वीट किया, ये जेहाद है, ये युद्ध है। तुम्हारे खिलाफ, तुम्हारी मानसिकता के खिलाफ! इस तरह के फोटो खींचकर इस होली पर जेहाद का बेहूदा युद्ध लड़ा जा रहा है।
पिंकू शुक्ला ने कहा कि सर्फ एक्सल ने दाग नहीं अपितु हिंदुत्व को मिटाने वाला विज्ञापन बनाया है। क्या ये कम्पनी अन्य पंथ या धर्म को मानने वालों को भी इसी प्रकार की सीख देगी। आखिर क्यों हर बार केवल हिन्दू त्योहारों का ही मजाक उड़ाया जाता है।
सौरभ पांडेय ने ट्वीट किया कि दाग अच्छे हैं सर्फ एक्सल। होली का रंग दाग नहीं है। ये सौहार्द और एकता का रंग है ना कि निरीह अबोध जानवरों का रक्त। बाजार चलाइये। बाजार की आड़ में धार्मिक विद्रोह नहीं।
पूजा सिंह ने ट्वीट किया, दाग अच्छे हैं… सिर्फ एक विशेष वर्ग के बचाव में इस प्रकार के एड न बने.. क्योंकि आपके उत्पाद का उपयोग धर्म और विचार से परे किया जाता है।
दुनिया की सबसे बड़ी उपभोक्ता उत्पादक कंपनी यूनिलीवर की भारतीय शाखा एचयूएल ने अपने ब्रांड सर्फ एक्सल के विज्ञापन में हिन्दू और मुस्लिम बच्चों को दिखाया है। विज्ञापन में एक हिन्दू बालिका अपने मुस्लिम पड़ोसी बच्चे के लिए पूरे मोहल्ले के बच्चों के रंग खुद पर डलवा लेती है। जब सबके रंग खत्म हो जाते हैं तो वह हिन्दू बच्ची अपने मुस्लिम देस्त को अपनी साइकिल पर बैठाकर मस्जिद तक छोड़कर आती है। इस तरह वह मुस्लिम बच्चा बिना रंग से सराबोर हुए मस्जिद तक नमाज पढ़ने के लिए पहुंच जाता है। लोगों का आरोप है कि होली जैसे हिन्दुओं के पवित्र त्योहार को एक विदेशी कंपनी क्यों अपने फायदे के लिए विज्ञापन में उपयोग में ला रही है। क्यों इस विदेशी कंपनी यूनिलीवर ने बच्चों के बीच में हिन्दु-मुस्लिम वाला भेद बताया। होली के रंग पवित्र होते हैं ऐसे में उन्हें दाग की संज्ञा देने पर भी लोगों ने रोष जताया है।
इस पर योगगुरु बाबा रामदेव ने ट्वीट कर कहा कि हम किसी भी मजहब के विरोध में नहीं हैं लेकिन जो चल रहा है उस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लगता है जिस विदेशी सर्फ से हम कपड़ों की धुलाई करते हैं अब उसकी धुलाई के दिन आ गए हैं।
इस मामले पर कुछ ट्विटर यूजर ने अपने पक्ष रखते हुए ट्वीट किए हैं। अवनीश राजपूत ने लिखा है, सर्फ एक्सेल कुछ दाग बहुत अच्छे होते हैं। हम तो होली पर रंगों के दाग ‘सर्फ एक्सेल’ से धो लेंगे लेकिन तुम भी अपने मन की कालिख को इसी से धुलना। ठीक है तो आइए इस होली पर जमकर रंग खेलें और संप्रदायिक सौहार्द को मजबूत रखें।
पंडिताईन उवाच ने ट्वीट किया कि लेखक होने के साथ-साथ गृहणी भी हूं। घड़ी डिटरजेंट बेहतरीन है। आज ही सर्फ एक्सल को फेंक दें। यह डिटरजेंट हमारी बच्चियों को गलत शिक्षा देता है। कल को जब हमारी बेटियां लव जेहाद का शिकार होंगी तो यह लोग चुप्पी साध लेंगे।
अंकित शुक्ल ने कहा यूनिलीवर दाग अच्छे हैं क्योंकि होली के पवित्र रंगों के हैं। सर्फ एक्सल में दम हो तो इस प्रकार के एड दूसरे पंथ पर भी बनाए। क्या सारी गंगा-जमुना तहजीब हमें ही सिखाई जाएगी।
आलोक मिश्रा ने ट्वीट किया कि लव जिहाद का ऐड सर्फ एक्सेल जिस किसी के घर में यूज होता हो बहिष्कार करो।
अशोक सिरोही ने ट्वीट किया, ये जेहाद है, ये युद्ध है। तुम्हारे खिलाफ, तुम्हारी मानसिकता के खिलाफ! इस तरह के फोटो खींचकर इस होली पर जेहाद का बेहूदा युद्ध लड़ा जा रहा है।
पिंकू शुक्ला ने कहा कि सर्फ एक्सल ने दाग नहीं अपितु हिंदुत्व को मिटाने वाला विज्ञापन बनाया है। क्या ये कम्पनी अन्य पंथ या धर्म को मानने वालों को भी इसी प्रकार की सीख देगी। आखिर क्यों हर बार केवल हिन्दू त्योहारों का ही मजाक उड़ाया जाता है।
सौरभ पांडेय ने ट्वीट किया कि दाग अच्छे हैं सर्फ एक्सल। होली का रंग दाग नहीं है। ये सौहार्द और एकता का रंग है ना कि निरीह अबोध जानवरों का रक्त। बाजार चलाइये। बाजार की आड़ में धार्मिक विद्रोह नहीं।
पूजा सिंह ने ट्वीट किया, दाग अच्छे हैं… सिर्फ एक विशेष वर्ग के बचाव में इस प्रकार के एड न बने.. क्योंकि आपके उत्पाद का उपयोग धर्म और विचार से परे किया जाता है।
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