नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को संसद भवन में गृह सचिव राजीव गौबा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका और एलओसी पर पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ के खतरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल भी मौजूद थे।
शुक्रवार को ही सेना ने अमरनाथ यात्रा मार्ग के पास आतंकियों के ठिकाने से पाकिस्तान में बनी बारूदी सुरंग (लैंडमाइन) और अमेरिकी स्नाइपर गन मिलने का खुलासा किया था। इसके बाद यात्रियों और पर्यटकों को घाटी से लौटने की सलाह दी गई। शनिवार शाम तक करीब 6 हजार लोग कश्मीर से निकले। दूसरी ओर, किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर अंगरेज सिंह राणा ने बताया था कि शनिवार को सुरक्षा कारणों से जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 43 दिन तक चलने वाली माछिल माता यात्रा भी स्थगित कर दी गई। श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे यात्रा जारी न रखें।
जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ दिनों से राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 35ए को लेकर कई तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर चल रही हैं। इसको लेकर कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से शनिवार को मुलाकात की। उमर ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि राज्य में चल क्या रहा है। राज्यपाल जम्मू-कश्मीर को लेकर कुछ नहीं कह रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के संबंध में राज्यपाल नहीं, बल्कि केंद्र सरकार का फैसला ही अंतिम होगा।
भारत ने जनता के बजाय जमीन को तवज्जो दी: महबूबा
राज्यपाल ने शुक्रवार रात को भी राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल से कहा था- अफवाहों को दूर कीजिए। घाटी में इसके कारण तनाव बढ़ रहा है। अब मामला आर-पार का हो चुका है। भारत ने जनता के बजाय जमीन को तवज्जो दी। हाल ही में केंद्र सरकार ने कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त बलों की तैनाती की है। साथ ही सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर से जल्द वापस लौटने के लिए कहा है।
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