वायु प्रदुषण कम तो ध्वनि प्रदुषण ज्यादा, इस बार दिवाली में झारखण्ड का ऐसा रहा रिकॉर्ड

रांची। झारखंड की राजधानी रांची समेत अन्य प्रमुख शहर धनबाद, जमशेदपुर, दुमका, देवघर और हजारीबाग में इस वर्ष दिवाली में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले वर्ष की मुकाबले कम रहा, परंतु ध्वनि प्रदूषण सामान्य से अधिक हुआ। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष पीके वर्मा ने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का पूरा आंकड़ा कार्यालय की ओर से उपलब्ध करा दिया जाएगा, परंतु विभिन्न मापदंडों के अनुसार झारखंड में एयर क्वालिटी का स्तर मॉडरेट माना जा सकता हैं।

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वहीं पर्षद कार्यालय की ओर से उपलब्ध कराये गये आंकड़े के अनुसार रांची और धनबाद में एक्यूआई का स्तर 100 से 200 के बीच रहा, जो मॉडरेड माना जा सकता हैं। वहीं रांची और धनबाद में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 70 से 80 डेसिबल रहा। दुमका, देवघर और हजारीबाग शहर में भी यही स्तर रहा, जबकि जमशेदपुर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम 60 से 70 डेसिबल के बीच रहा। दिवाली के मौके पर एयर क्वालिटी और ध्वनि प्रदूषण का स्तर शाम छह बजे से रात 12 बजे के बीच मापा गया। पिछले वर्ष रांची समेत अन्य शहरों में एक्यूआई का स्तर 200 से ज्यादा रहा था।

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105 रहा पीएम 2.5 का स्तर
वायु प्रदूषण पीएम 10 और पीएम 2.5 में भी मापा जाता है। इस वर्ष दिवाली पर रांची में पीएम 10 – 202 रहा। वहीं पीएम 2.5 – 105 रहा। विशेषज्ञों के अनुसार, पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इसमें धूल, गर्दे और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। इसका सामान्य स्तर 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) होना चाहिए।

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वहीं पीएम 2.5 का सामान्य स्तर 60 एमजीसीएम होता है। ये काफी छोटे कण होते हैं जो फेफड़ों में आसानी से चले जाते हैं और अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। पीएम 2.5 प्रदूषण सेहत के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। इससे सांस लेने में तकलीक और घुटन होती है।

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