रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य वॉटर शेड मैनेजमेंट एजेंसी सी जी डब्ल्यू एम के संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनोद कुमार वर्मा को राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया है। उन पर 13 करोड़ से अधिक के सी. बीड एक्ट्रैक्ट, सी.बीड जैल तथा एमिनो एसिड की खरीदी में घोटाला करने का आरोप है।उल्लेखनीय है कि पिछली भाजपा सरकार में कृषि उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों पर आपसी सांठगांठ कर सारे नियम प्रक्रिया को ताक पर रखते हुए अनधिकृत फर्मों से करोड़ों रुपए की खरीदी करने को लेकर विधानसभा में प्रश्न किए गए थे।
तब कांग्रेस के विधायक सत्यनारायण शर्मा द्वारा इस बाबत विधानसभा में तथ्यगत प्रश्न किए जाने पर तत्कालीन कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसे स्वीकार किया था और जानकारी दी गई थी कि इस घोटाले में शामिल लगभग 34 से ज्यादा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इस मामले में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व विशेष कर्तव्य सेवा अधिकारी विनोद कुमार वर्मा को दोषी पाते हुए बुधवार को निलंबित कर दिया गया था।
बाद में कांग्रेस की सरकार बनने पर श्री वर्मा को फिर से संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी बना दिया गया।इस मामले में विभागीय उप सचिव जेवियर क्रिकेटर ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि श्री वर्मा ने जानबूझकर अपने बचाव हेतु शासन की मस्ती में छेड़छाड़ करते हुए सिविल सेवा आचरण नियम का उल्लंघन किया है। इसलिए उन्हें निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कृषि संचालनालय में रखा गया है।
श्री वर्मा पर आरोप था कि उन्होंने बिना सक्षम अनुमोदन के विधानसभा को गलत जानकारी दी तथा संचालक अनुसंधान सेवाएं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को पत्र जारी कर के निर्देशित किया। इस बाबत जब श्री वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और उन्हें नस्ती का अवलोकन कराया गया तो उन्होंने नोट सीट पर अनाधिकृत रूप से छेड़छाड़ करते हुए अलग से टीप अंकित कर दी। जिसमें उन्होंने आदेश दिया कि पत्र जारी कर कार्योत्तर अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करें। फिलहाल शासन की नस्ती में अनाधिकृत रूप से छेड़छाड़ करने के आरोप में उन्हें निलंबित किया गया है।
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