दिल्ली के जल प्रदूूषण पर ‘आप’ सांसद ने पासवान को लिखा पत्र, पूछे 5 सवाल

नई दिल्ली । दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर आई भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की रिपोर्ट को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखकर पांच सवाल पूछे हैं। संजय सिंह ने मंगलवार को लिखे पत्र में विपक्षियों की साजिश की बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार को बदनाम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि दो केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की दिल्ली जल प्रदूषण के संदर्भ में प्रस्तुत रिपोर्ट एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत हैं। जलशक्ति मंत्री ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली के 20 स्थानों से पानी का सैंपल लिया गया और जांच करने पर दिल्ली का पानी यूरोपीय मानकों से बेहतर पाया गया है। जबकि पासवास ने 11 जगहों के नमूनों के जरिए दिल्ली के पानी को गुणवत्ता की माप पर बेकार बताया।वहीं संजय सिंह ने पत्र के माध्यम से जल प्रदूषण पर दिल्ली व अन्य राज्यों पर तैयार की गई रिपोर्ट व जिन स्थानों से सैंपल लिए गए उनके नाम व तारीख सहित सम्पूर्ण रिपोर्ट अतिशीघ्र उपलब्ध कराये जाने की मांग की है।

आप सांसद संजय सिंह के केंद्रीय मंत्री से पूछे पांच सवाल निम्न हैं-

1- आपने मात्र 11 स्थानों से पानी का सैंपल लेकर दिल्ली के पानी को प्रदूषित घोषित कर दिया जबकि जलशक्ति मंत्री 20 स्थानों से पानी का सैंपल जांच कराकर यूरोपीय मानकों से बेहतर बता रहे हैं। सरकार के मंत्री होने के नाते आपने जलशक्ति मंत्री की रिपोर्ट को संज्ञान में क्यों नहीं लिया?

2- दोनों रिपोर्ट में कौन सी रिपोर्ट सही है और कौन सी झूठी, यह कैसे तय होगा?

3- आपने दिल्ली के पानी पर अपनी रिपोर्ट किन मानकों के तहत तैयार की, रिपोर्ट का आधार क्या है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक के अनुरूप 10 हजार की आबादी पर एक पानी का सैंपल लेकर जांच कराया जाना आवश्यक है अर्थात् लगभग 1500 से अधिक वाटर सैंपल की जांच कराकर ही सही स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है लेकिन आपने मात्र 11 वाटर सैंपल की जांच कराकर सारे वक्तव्य दे दिए?

4- पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के संबंध में एक रिपोर्ट सामने आई है कि नाले और चमड़े के कारखानों का पानी कानपुर से वाराणसी तक खुले आम पवित्र गंगा नदी में जाता है। जिस पर एनजीटी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार पर दस करोड़ का जुर्माना भी किया गया है, साथ ही उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना किया गया है। इस गंभीर रिपोर्ट पर आप खामोश क्यों हैं? क्या इसलिए खामोश हैं कि वहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है?

5- दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पिछले नौ माह में लगभग डेढ़ लाख स्थानों से पानी का सैंपल लिया गया, जिसमें लगभग 98.5% पानी के सैंपल सही पाए गए तो फिर आपकी रिपोर्ट बिल्कुल विपरीत कैसे है?

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