पटना। बिहार राजग की ओर से रविवार को यहां ऐतिहासिक गांधी मैदान में संकल्प रैली के साथ लोकसभा का चुनावी शंखनाद हो गया। रैली में राजग की एकजुटता का भी प्रदर्शन हुआ। रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में पहली बार एक साथ राजनीतिक मंच से लोकसभा की सभी 40 सीट जीतने की हुंकार भरी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते पांच वर्षों में नये भारत की तैयारी के लिए मजबूत नींव रखी है। अब 2019 के बाद देश को 21 वीं सदी में नयी उंचाई पर पहुंचाने का काम होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने देश को नयी रीति-नीति दी है। देश की सुरक्षा को लेकर हमारा रवैया बदला है । 50 वर्षों के बाद पूरे देश के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। कैसे हमें बात करनी है और देश की सुरक्षा पर चोट करने वाले को चुन-चुन कर सबक सिखाने में हम चूकने वाले नहीं हैं।
रैली के दौरान तेज वर्षा के बावजूद अच्छी खासी संख्या में भीड़ जुटी रही। गांधी मैदान और उससे जुड़ी प्रमुख सड़कों पर कार्यकर्ताओं के आने और लौटने का सिलसिला चलता रहा। ढाई से तीन लाख लोगों की भीड़ में जदयू के हरे झंडे लिये और भाजपा की केसरिया टोपी पहने कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या राजग में एकजुटता का एहसास दे रही थी। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सहित विपक्ष पर हमला बोला कि वह आंतकियों को कुलचलने की कार्रवाई का प्रमाण मांग कर और 21 दलों की बैठक कर सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर सेना का मनोबल तोड़ रहा है।
नरेन्द्र मोदी के साथ नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद पर बिना नाम लिये निशाना साधा। नीतीश ने कहा कि अब बिहार में लालटेन की जरूरत नहीं है। घर-घर बिजली पहुंच गयी है। ध्यान रहे कि लालटेन आरजेडी का चुनाव चिन्ह है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चारे के नाम पर बिहार में क्या-क्या हुआ,यह सब अच्छी तरह जानते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि वे सेवा धर्म में और यकीन रखते हैं जबकि दूसरे लोग मेवा पाने में । मौका मिलता है तब खुद की चिंता करते हैं और बिना मेहनत किये धनोपार्जन में लगे रहते हैं। भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता पर चुटकी लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महामिलावट की सरकार न कोई फैसला ले सकती है और न गरीबों और देश का भला कर सकती है।
प्रधानमंत्री ने केन्द्र के साथ बिहार में भी राजग की सरकार बनने के बाद विकास की रफ्तार तेज होने का उल्लेख किया और नीतीश कुमार की जमकर सराहना की। प्रधानमंत्री ने प्रारंभिक संबोधन में कहा कि नीतीश बाबू जैसे कर्मठ मुख्यमंत्री ने पुराने दौर से बाहर कर बिहार को नयी दिशा दी है। वहीं जदयू अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश के मौजूदा हालात में प्रधानमंत्री के कदमों की सराहना की और कहा कि देश के लोगों में आतंकवाद से निपटने के उनके निर्णय से विश्वास मजबूत हुआ है ।
नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार ने मई 2009 में लुधियाना में मंच साझा किया था। उस समय के दोनों नेताओं के हाथ मिलाती तस्वीर अखबारों में बहुप्रचारित होने पर नीतीश कुमार ने भाजपा से दूरी बनाने की शुरु की थी। बिहार में सत्ता में भाजपा के साथ रहते लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में नरेन्द्र मोदी को चुनाव प्रचार में सहभागी नहीं बनाने से परहेज किया था। अंततः जून 2013 में भाजपा से 17 वर्षों की दोस्ती और सत्ता में सात वर्षों की साझेदारी समाप्त कर दी थी। इसके बाद जुलाई 2017 में सत्ता में साझेदारी के साथ भाजपा से जदयू की नयी दोस्ती हुई। इस संकल्प रैली में प्रधानमंत्री की उपस्थिति में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी,केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों को संबोधित किया। जदयू-भाजपा और लोजपा के बीच क्रमश:17-17 और छह सीटों के फार्मूले पर सीटों का बंटवारा हुआ है। अगले सप्ताह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ तीनों दलों के बीच सीटें तय होने के साथ प्रत्याशियों के भी नाम तय होने के आसार हैं। लोकसभा के पिछले चुनाव में राजग को 31 सीटों पर जीत मिली थी। उस समय नीतीश भाजपा के खिलाफ थे। महागठबंधन छोड़ भाजपा से नयी दोस्ती के बाद बिहार में राजग को पिछले चुनाव से भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद बंधी है।
राजग के खिलाफ महागठबंधन में शामिल दलों राजद,कांग्रेस,रालोसपा सहित पांच दलों के बीच भी सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 3 फरवरी को पटना में पार्टी की जनांकाक्षा रैली में बिहार में पार्टी के फ्रंटफूट पर खेलने की बात कही थी। परंतु संकेत है कि बंटवारे में राजद 18, कांग्रेस 11 और रालोसपा को 03 सीटों पर लड़ने का मौका मिलेगा। बाकी सीटें अन्य तीन दलों हम,लोजद और वीआईपी को मिलेंगी।
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