- तुलसी विवाह के साथ ही शुरू हो जाएंगे सभी मांगलिक कार्य
देवघर। देवोत्थान एकादशी पर बाबाधाम देवघर में बाबा बैधनाथ को जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। मन्दिर प्रांगण का वातावरण बोल बम और हर हर महादेव के नारों से गुंजायमान होता रहा। देव उत्थान एकादशी होने के कारण मन्दिर प्रांगण स्थित लक्ष्मी नारायम मन्दिर में भगवान श्री हरि की विशेष पूजा-अर्चना की गयी। कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन देवोत्थान एकादशी मनाया जाता है। धर्म शास्त्र के अनुसार भगवान श्री हरि चार माह के शयन यानी योग निद्रा से जागेंगे। इसके साथ ही चातुर्मास व्रत का भी समापन हो जाएगा और हिन्दू परम्परा के अनुसार जितने भी शुभ मांगलिक कार्य हैं उसका शुभारंभ हो जाएगा। आज ही के दिन प्रबोधनी एकादशी बृंदा (तुलसी) के विवाह का भी दिन है। तुलसी का भगवान श्रीविष्णु के साथ विवाह करके लग्न की शुरूआत होती है। बाबा मंदिर के पुजारी छोटे लाल जी महाराज के अनुसार बृंदा के श्राप से भगवान विष्णु काले पड़ गए थे और उन्हें शालिग्राम के रूप में तुलसी के चरणों में रखा जायेगा और इनकी विधिवत पूजा की जायेगी। वही वेदों मंत्रोचार के साथ कम से कम पांच श्रद्धालु मिलकर भगवान को जगाएंगे। वैसे तो देवउठनी एकादशी के बाद सभी तरह के शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं लेकिन इस बार देव जगाने के दस दिन बाद से वैवाहिक व अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। भगवान को जगाने के लिए आंगन में ईखों का घर बनाया गया था और चार कोणों पर ईख और बीच में लकड़ी का पीढ़ी रख कर भगवान की पूजा अर्चना की गयी।
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