रांची: पसमांदा मुस्लिम यूनाइटेड काउंसिल ऑफ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी ने अपने संदेश में कहा कि दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान पवित्र कुरान और पैगम्बर की जीवनी की रोशनी में हो सकता है। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में उत्पीड़ित, कमजोर, मासूम बच्चों और महिलाओं का नरसंहार धर्मों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं की दृष्टि से गलत और नाजायज है। वैश्विक स्तर पर शांति स्थापित करने के लिए प्रत्येक मनुष्य तथा राजनीतिक एवं राष्ट्रीय शक्तियों को निष्पक्ष पहल करनी चाहिए। ताकि मानवता और न्याय का पैमाना दुनिया के सामने खुलकर आ सके। भारत विश्व शांति की स्थापना के लिए महात्मा गांधी की विचारधारा को अपनाता है और बातचीत के माध्यम से समस्याओं का समाधान करने में विश्वास रखता है। और भारत के राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधियों ने विश्व स्तर पर प्रमुख भूमिका निभाई है। विश्व परिदृश्य में भारत अनेक धर्मों एवं जनजातियों वाला एक लोकतांत्रिक एवं स्वतंत्र देश है। जहां न्यायपालिका, प्रशासन, शासक वर्ग और देश व राज्य की गुप्त एजेंसियां भी मानवता, भाईचारा, अमन-चैन और एक-दूसरे के अधिकारों की बहाली के लिए बेहतर भूमिका निभाने में प्रमुख स्थान हासिल कर चुकी हैं। भारत के लोगों ने हमेशा जाति, समुदाय, धर्म, छुआछूत, कमजोर और ताकतवर के आधार पर एक-दूसरे पर अत्याचार और अवैध कब्जे को अपने पैरों तले रौंदा है। आज भी विश्व में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह जरूरी है कि हर स्तर पर ईमानदार, जिम्मेदार भूमिका निभाने वाली संस्थाएं और प्रतिनिधि एक-दूसरे के प्रति सहयोगी और मददगार होने के विचार को और मजबूत करें। अब्दुल्ला अज़हर क़ासमी ने अपने संदेश में आगे कहा है कि भारत के लोग देश के संविधान और देश के स्वतंत्रता सेनानी द्वारा दिए गए कानूनों पर दृढ़ता से विश्वास और विश्वास करते हैं कि भारतीय संविधान विश्व परिदृश्य में एक अद्वितीय पुस्तक है। गंगा-जिमनी तहजीब और विचारधारा को एक सिद्धांत पर दृढ़ता से कायम रखकर दुनिया के सामने रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। आइए हम सब देश और दुनिया में नफरत, दुश्मनी, विद्रोह, जुल्म, अधर्म और भ्रष्टाचार को खत्म करने में इंसानियत का पैगाम पेश करें और देश के आपसी विकास में अहम भूमिका निभाएं।
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