सरला बिरला विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक में दोपहर 3:30 बजे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर डॉ. गोपाल पाठक ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी और शास्त्री जी द्वारा निभाई गई भूमिका पर सविस्तार प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा अपनाए गए सिद्धांत और नैतिकता जीवन मे निर्णय लेने में अति महत्वपूर्ण हैं तथा आज के परिदृश्य में भी उतना ही प्रासंगिक हैं जितना उस समय थे। 1965 के भारत-पाक युद्ध के संबंध में उन्होंने कहा कि दृढ़ निर्णय लेना सफलता और प्रगति का मार्ग है। उन्होंने सभी से दोनों नेताओं के सिद्धांतों और जीवन इतिहास को पढ़ने, समझने और जीवन में आत्मसात करने का आग्रह किया।
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सभा को संबोधित करते हुए कुलसचिव प्रोफेसर डॉ विजय कुमार सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने हमें शाश्वत शांति और सफलता पाने के लिए अपनी दिनचर्या में सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का पालन करना सिखाया। उन्होंने वर्तमान दुनिया में सफलता की कुंजी के रूप में गांधी जी और शास्त्री जी की भूमिका, विचारधाराओं और प्रथाओं पर प्रकाश डाला और सभी से इसका पालन करने का आग्रह किया।
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कार्यक्रम का संचालन मानविकी और भाषाविज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापक प्रो. कविता कुमारी ने किया। स्वागत भाषण डीएसडब्ल्यू डॉ अशोक कुमार अस्थाना द्वारा प्रस्तुत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डीन आईडी और सीएस प्रो. संजीव बजाज ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर डॉ. रिया मुखर्जी, सी एस महथा,एस एन शाहदेव, डॉ. बी.सी सिन्हा, डॉ. नीतू सिंघी, प्रो. आरोही आनंद, डॉ. संतोष कुमार दास, प्रो. संजीव श्रीवास्तव, प्रो. एलजी हनी सिंह सहित सभी पदाधिकारी, प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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