Ranchi : इटकी रोड स्थित जसलोक अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा जितेंद्र सिन्हा बताते हैं कि हरेक परिवार में कुछेक ऐसी महिलाएं होती है जिनके पूरे शरीर मे हमेशा दर्द की समस्या होती है ,सर में दर्द और अनिद्रा रहता है। रात में नींद टुट जाने पर आसानी से फिर नींद नहीं आती। इन सभी लक्षणों को फाइब्रो माइलेजिया कहा जाता हैं ।
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भय और डर से को कन्ट्रोल करने के लिए हमारा शरीर एक विशेष हार्मोन का संचरित करता है। यह दिमाग, स्पाइन और नसो मे हलचल पैदा करता है। जिस कारण मस्तिष्क छोटे मोटे दर्द को बनावटी तरीके से बढा चढाकर अहसास कराता है। औरतो का दिमाग कोमल होता है इसलिेए मस्तिष्क इस बनावटी दर्द के झांसे को सच समझ लेता है। किसी बड़ी दुर्घटना से बच निकलने,घर में कोई मृत्यु हो जाने और पति से तलाक या तनाव हो जाने पर फाइब्रोमाइलेजिया के लक्षण और तेज हो जाते हैं।
डा जितेंद्र सिन्हा ने अपने अध्धयन में यह पाया है कि बिहार और झारखंड जैसे प्रवास उन्मुख राज्य की महिलाएं फाइब्रोमाइलेजिया से सर्वाधिक पीड़ित है। जब इनके पति और बच्चे प्रवासी बनकर अपने परिवार से दूर होते हैं तो इनके जीवन में शून्यता आ जाती है। मस्तिष्क खालीपन के इस झटके को एडजस्ट नही कर पाता। जिससे रात की नींद कम होने लगती है। शरीर हमेशा थका रहने लगता है।
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पुरुष कठोर मन मस्तिष्क के माने जाते हैं किन्तु कोरोना के दूसरी लहर की विभीषिका में फंसकर बच निकलने वालो में भी ऐसे लक्षण देखें जा रहे हैं। जिस कारण शरीर में हमेशा दर्द और नींद का अभाव हो रहा है। फाइब्रोमाइलेजिया होने पर किसी अच्छे हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। वे मन से डर निकालने के लिए सीबीटी (कोगनाइटिव बिहेवियर थेरेपी) देते है। जीवन शैली में बदलाव की सलाह देते हैं। सुबह टहलना और योगा काफी मददगार होता है। मोबाइल पर अपनो से हमेशा सम्पर्क भी इन लक्षणों को रोकने में सहायक होता है।
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