Finance : एटीएम, लोन, डेबिट-क्रेडिट कार्ड के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन बैंक की कुछ सुविधाएं ऐसी भी हैं जिनके बारे में कुछ ही लोगों को पता है। बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी देते हैं। इसकी मदद से आप अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं। कोरोना काल में लोगों के खर्चे बढ़े हैं। महंगाई के इस दौर में यदि अचानक कोई खर्चा आ जाता है, तो उसके लिए पैसों का इंतजान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सैलरी ओवरड्राफ्ट की सुविधा आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है।
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क्या है सैलरी ओवरड्राफ्ट?
सैलरी ओवरड्राफ्ट एक तरह का रिवॉल्विंग क्रेडिट होता है। यह सुविधा सैलरी खातों पर मिलती है। इसके तहत आपको जब भी अतिरिक्त पैसों की जरूरत होती है, तो आप अपने सैलरी अकाउंट से ज्यादा रकम निकाल सकते हैं। सुविधा के तहत आप खाते में मौजूद राशि जितना या उससे अधिक बैंक से निकाल सकते हैं। आप अपनी सैलरी से करीब तीन गुना ज्यादा तक पैसा बैंक से ले सकते हैं। आसान भाषा में समझें, तो आपके खाते में भले ही बैलेंस ना हो, लेकिन आप इससे भी ज्यादा पैसों की निकासी कर सकते हैं। यानी अगर आपको इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पड़े, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
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करना होता है ब्याज का भुगतान
सैलरी ओवरड्राफ्ट एक तरह का लोन है, जो आपके रिकॉर्ड को देखकर दिया जाता है। इसको चुकाने पर आपको ब्याज का भुगतान करना होता है। यह ओवरड्रॉफ्ट प्री-अप्रूव्ड होता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी ब्याज दर क्रेडिट कार्ड से कम होती है। सैलरी ओवरड्राफ्ट को लेकर हर बैंक के अपने अलग-अलग नियम होते हैं। कुछ बैंक आपके वेतन के दो से तीन गुना तक ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान करते हैं, वहीं कुछ बैंक महीने की सैलरी का 80 से 90 फीसदी तक ही यह सुविधा देते हैं।
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