नई दिल्ली। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजमार्ग परियोजनओं में गुणवत्ता से समझौता करने वाली कंसल्टेंट कंपनियां कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। समय पर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कंपनियों को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। उनके द्वारा किए गए बुनियादी ढांचा विकास कार्यों के बेहतरीन उदाहरण कम देखने को मिलते हैं।
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नितिन गडकरी ने कंसल्टिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीईएआई) की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण से पूर्व की गतिविधियां और काम पूरा होने तक कंसल्टेंट इंजीनियरों, आथॉरिटी इंजीनियर, डीपीआर इंजीनियरों की अहम भूमिका होती है। तकनीकी व डिजाइन संबंधी सहायता मुहैया कराने पर निर्माण कंपनियां परियोजना को समय पर पूरा करती है।
लेकिन यह देखने में आ रहा है कि कंसल्टेंट कंपनियों के निष्पादन में कमी के चलते दो से चार साल में पूरी होने वाली राजमार्ग परियोजनाएं दशकों तक लटकी हुई हैं। इसमें अधिकांश भूमि अधिग्रहण व पर्यावरण मंजूरी से जुड़ी हुई हैं। इस कारण से कई कंसल्टेंट कंपनियों पर कठोर कार्रवाई की गई है। गडकरी ने कहा कि कुछ उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे खड़े करने में कंसल्टेंटों ने बड़ी भूमिका निभाई है।
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गुणवत्ता सुधार व समय पर काम पूरा करने के लिए कंसल्टेंट कंपनियों को आंतरिक तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है। अच्छा काम करने वाली कंपनियों को उच्च स्कोर से सम्मानित किया जाएगा। आईआरएफ से जुड़े व सीईएआई के पूर्व अध्यक्ष के.के. कपिला ने कहा कि सरकार से मांग करते हुए कहा कि वर्षो पुरानी निविदा प्रणाली को बदलने की जरुरत है। ताकि कंसल्टेंट कंपनियां अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें।
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