अफगानिस्तान में तालिबान आतंकियों के राज से अब पाकिस्तानी सेना को भी डर लगने लगा है
पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के नेताओं से खुफिया मुलाकात की है
बाजवा यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पाकिस्तानी विद्रोहियों के लिए अफगानिस्तान पनाहगार न बने
इस्लामाबाद : अफगानिस्तान में तालिबान आतंकियों के राज से अब पाकिस्तानी सेना को भी डर लगने लगा है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के शीर्ष नेताओं से खुफिया मुलाकात की है। पाकिस्तानी सेना तालिबान को सैन्य मदद दे रही है। साथ ही बाजवा यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने वाले विद्रोही अफगानिस्तान में सुरक्षित पनाहगार न बना लें।
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हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक बाजवा के साथ खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज अहमद और मेजर जनरल सरदार हसन हयात भी उनके साथ दोहा गए थे। देर रात को तालिबान के शीर्ष नेताओं मुल्ला बरादर और मुल्ला अब्दुल हकीम के साथ पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की यह गोपनीय बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी नेताओं ने अफगानिस्तान में बढ़ती तालिबानी हिंसा पर चिंता जताई जो एक तरह से गृहयुद्ध की तरह से है।
बाजवा को तालिबान राज से सता रहा बड़ा डर
पाकिस्तान को डर सता रहा है कि अफगानिस्तान में जारी हिंसा की आंच से पाकिस्तान भी झुलस सकता है। इससे पाकिस्तान में कानून और व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब हो सकती है। पाकिस्तान के अफगानिस्तान से लगे बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में विद्रोही गुट सक्रिय हैं और अक्सर हिंसा करते रहते हैं। हाल ही में विद्रोहियों ने चीनी इंजीनियरों से भरी बस पर हमला करके 9 विदेशियों को मार दिया था।
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खबरों के मुताबिक तालिबान नेताओं ने पाकिस्तानी मदद को माना और सैन्य जनरलों को सुझाव दिया कि वे इस मुद्दे को पाकिस्तान के क्वेटा, पेशावर और अन्य शहरों में बैठे तालिबानी आतंकियों से उठाएं। उन्होंने कहा कि इन तालिबान कमांडरों का अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबानी आतंकियों पर ज्यादा नियंत्रण है। पाकिस्तान तालिबान को हथियारों से लेकर प्रशिक्षण तक तालिबान आतंकियों को मुहैया करा रहा है। यही नहीं घायल तालिबानियों का पाकिस्तानी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। अफगानिस्तान में हमले की पूरी रणनीति बनाने में पाकिस्तानी सेना से रिटायर अफसर तालिबान की मदद कर रहे हैं।
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