देश में ऑक्सीजन की कमी पूरी करने को वायुसेना ‘हवा’ में

 वायुसेना के परिवहन विमान विदेशों से ​ऑक्सीजन कंटेनर लाने के लिए भर रहे हैं उड़ान 
– ​भारतीय नौसेना के जहाज​​​​ ऑक्सीजन टैंकर ​लाने-ले जाने के लिए ​स्टैंडबाय पर रखे गए – ​रक्षा मंत्री ​​राजनाथ सिंह ने कोविड के मौजूदा संकट से लड़ने के लिए की समीक्षा बैठक 
 नई दिल्ली : देश में कोविड की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए ​वायुसेना के परिवहन विमान लगातार उड़ान भर रहे हैं​। ​​​​​​रक्षा मंत्री​​ राजनाथ सिंह ने ​भी ​वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ​शनिवार को कोविड के मौजूदा संकट से लड़ने के लिए रक्षा मंत्रालय और तीन से​नाओं के प्रयासों की समीक्षा की।​ राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों और रक्षा मंत्रालय के विभिन्न अन्य प्रतिष्ठानों को वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया​​।​ ​​​​भारतीय नौसेना के जहाजों को ​भी ​​​ऑक्सीजन टैंकरों को​लाने-ले जाने में किसी भी सहायता के लिए ​​स्टैंडबाय पर रखा गया है​​​। ​​  ​
​वायुसेना प्रवक्ता के मुताबिक भारतीय वायु सेना के ​परिवहन विमान सी-17 ​ने सिंगापुर के चांगी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए हिंडन एयर बेस से ​शनिवार तड़के 2 बजे ​उड़ान भरी। ​यह ​विमान सुबह 07​.​45 बजे सिंगापुर पहुंचा​ और 4 खाली क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनरों को लोड करने के बाद​​ सिंगापुर ​से वापस भारत के लिए उड़ान भरी​।​ ​विमान सी-17 ​इन कंटेनरों को उतारने के लिए ​आज दोपहर में ​पनागर एयर बेस ​पर उतरा है​​।​​ भारतीय वायु सेना का एक और परिवहन विमान​ ​सी-17 ने सुबह 08 बजे हिंडन एयर बेस से​ ​पुणे एयर बेस के लिए उड़ान भरी थी। यह विमान सुबह 10 बजे पुणे पहुंचा और 2 खाली क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर ट्रकों को लादकर जामनगर एयर बेस पर उतारा। फिर यही सी-17 विमान पुणे गया और वापस जामनगर तक की अपनी दूसरी यात्रा पर है, जिसमें 2 और खाली कंटेनर हैं।​
प्रवक्ता के मुताबिक कोविड को पराजित करने के लिए बड़ा कदम ​उठाते हुए वायुसेना ने पेशेवर तरीके से सभी​ जरूरतों को पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि ​की है।​ ​​आज​ ही दिन में​ ​वायुसेना के ​सी-17 ​परिवहन विमान ​ने ​पहले दो खाली कंटेनर जोधपुर से जामनगर पहुंचाए​ हैं।​ आज ही एक ​​चिनूक हेलीकाप्टर ​​ने जम्मू ​से लेह​ ​​और एक ​एएन-32 परिवहन विमान ​ने ​जम्मू से करगिल तक ​कोविड परीक्षण उपकरण ​पहुंचाए हैं​।​ इन उपकरणों में बायो सेफ्टी कैबिनेट, सेंट्रीफ्यूज और स्टैबलाइजर शामिल थे।​ इन मशीनों को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ​ने बनाया है और अब परीक्षण बढ़ाने के लिए ​केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को दिया गया है।​​​​​​
दूसरी तरफ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ​(सीडीएस) जनरल ​​बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवने, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, ​​रक्षा उत्पादन​ ​​सचिव​ ​राज कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग ​​(डीआरडीओ)  ​के सचिव और अध्यक्ष डॉ​. ​​जी सतीश रेड्डी​​, ​​एयर स्टाफ​ के ​उप-प्रमुख ​एयर मार्शल संदीप सिंह और ​सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) सर्जिकल ​​के ​महानिदेशक वाइस एडमिरल रजत दत्ता​ के साथ ​रक्षा मंत्री ​​राजनाथ सिंह ने ​भी ​वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से​ बैठक की है​।​ रक्षा मंत्री ने भारतीय वायु सेना द्वारा विदेशों से और साथ ही देश के भीतर ऑक्सीजन टैंकरों और संयंत्रों को ले जाने में दी जा रही सहायता पर संतोष व्यक्त किया।​ ​
बैठक में ​रक्षा मंत्री​ को बताया गया कि ​​भारतीय नौसेना के जहाजों को ​भी ​ऑक्सीजन टैंकरों को ​लाने-ले जाने में किसी भी सहायता के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है​​​​​। ​डीआरडीओ अध्यक्ष​ रेड्डी ने जानकारी दी कि नई दिल्ली के सरदार वल्लभभाई पटेल ​कोविड अस्पताल में 250 ​और ​बेड ​बढ़ा दिए गए हैं​।​ अब यहां कुल बेड की संख्या 500 ​हो गई है। ​इसी तरह ​गुजरात में​ 1,000​ बेड का कोविड अस्पताल बना दिया गया है। उन्होंने रक्षा मंत्री को बताया कि लखनऊ में​ एक कोविड अस्पताल बनाने के लिए काम जोरों पर है जो अगले 5-6 दिनों में चालू हो जाएगा। ​यह अस्पताल ​​​सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (​​एएफएमएस) ​के समन्वय में राज्य सरकारों की सहायता से चलाए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में आ​​वश्यक समन्वय के लिए राज्य सरकारों के अधिकारियों के साथ ​मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी लगातार संपर्क में हैं।​ ​​रक्षा मंत्री ने ​इस संकट के समय ​उन लोगों को तैनात करने के सुझाव को मंजूरी दी जो हाल ही में एएफएमएस से सेवानिवृत्त हुए हैं।​ ​राजनाथ सिंह को यह भी जानकारी दी गई कि डिफेंस पीएसयू और ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड की सभी स्वास्थ्य ​सुविधाएं नागरिक आबादी ​​को ​देने की अनुमति दी गई है।​ उन्होंने ​रक्षा मंत्रालय​ ​​और तीनों से​नाओं के अधिकारियों को बारीकी से निगरानी करने का निर्देश दिया।​ कोविड मामलों की बढ़ोतरी के बाद रक्षा मंत्रालय​ ​और सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में यह दूसरी बैठक थी। पहली बैठक 20 अप्रैल​,​ 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी।

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