मुश्किल हालात में भी हर कसौटी पर खरी उतरी है सेनाः जनरल रावत

नई दिल्ली। देश के 28वें थलसेनाध्यक्ष के रूप में जनरल मनोज मुकुंद नरवाने के कार्यभार संभालने के साथ ही जनरल बिपिन रावत मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गए । वह बुधवार से देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) का कार्य भार संभालेंगे। सेना प्रमुख के पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त हुए जनरल रावत ने सेना और उसके अधिकारियों को सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि कहा कि विषम परिस्थितियों में मोर्चों पर तैनात सेना हर कसौटी पर खरी उतरी है। सेवानिवृत्त होने से पहले जनरल रावत ने परंपरा अनुसार सुबह पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जा कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने साउथ ब्लॉक स्थित लॉन में सलामी गारद का निरीक्षण किया। सलामी गारद के निरीक्षण के रावत ने कहा कि हमारे जवान दुर्गम इलाकों में कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी मोर्चों पर तैनात हैं और उनके साहस तथा वीरता के कारण ही सेना हर कसौटी पर खरी उतरी है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान सेना के पुनर्गठन, आधुनिकीकरण और सैन्य प्रौद्योगिकी हासिल करने पर जोर दिया गया। कुछ काम अधूरे रह गए है और उन्हें उम्मीद है कि नए थलसेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे इन्हें बखूबी पूरा करेंगे। केंद्र सरकार ने जनरल रावत को देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया है।। सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वह एक जनवरी से नया दायित्व संभालेंगे। सीडीएस के रूप में उनकी जिम्मेदारी के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर जरनल रावत ने कहा कि इस पद को संभालने के बाद भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी। उल्लेखनीय है कि सीडीएस की नियुक्ति तीनों सेनाओं के बीच बेहतरीन समन्वय के लिए की गई है। सीडीएस के लिए तय किए गए कार्यसंबंधी नियमों के अनुसार रावत प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली परमाणु कमांड अथॉरिटी के सदस्य भी होंगे। वह सीडीएस के पद से मुक्त होने के बाद किसी भी सरकारी पद को ग्रहण नही कर सकेंगे।

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