रामगढ़। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस दमदार वापसी करने की कगार पर है। इससे पहले इस विधानसभा सीट से वर्ष 1985 में झारखंड के अस्तित्व में आने से पहले जमुना प्रसाद शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। झारखंड बनने के 19 साल बाद कांग्रेस ने इस सीट पर कभी भी जीत हासिल नहीं की थी। इस सीट को आजसू के गढ़ से छीनकर ममता देवी पार्टी की झोली में डालने जा रही हैं। आंदोलनकारी नेत्री के रूप में पहचान बनाने वाली ममता देवी के नामांकन के बाद सिद्धू कान्हो मैदान में उमड़े जनसैलाब ने यह साबित कर दिया था कि रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बदलाव की बयार है। इस बदलाव की बयार को सही दिशा देते हुए ममता देवी घर-घर जाकर लोगों से मिलीं और उन्हें वोट देकर जिताने की अपील की। ममता देवी ने चुनाव में आम जनता से आर्थिक मदद भी मांगी। उन्होंने अपना अकाउंट नंबर भी सोशल मीडिया पर डाला और यह कहा कि जिनसे जो भी मदद हो सके वह करें। वर्ष 2016 में आईपीएल गोलीकांड के बाद उन्हें 3 महीने के बच्चे को छोड़कर जेल जाना पड़ा था। उनके साथ हुई यह घटना ने भी लोगों के दिलों पर असर किया। लोगों ने स्पष्ट तौर पर पिछले 15 वर्षों से चल रहे आजसू के शासन को खत्म करने का मन बना लिया। रामगढ़ विधानसभा की जनता ने ममता पर ही अपनी ममता लुटा दी। आज ममता देवी की वजह से रामगढ़ विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी जोश उमड़ पड़ा है। सोमवार सुबह जब मतगणना शुरू हुई तब भाजपा ने उनसे बढ़त बनाई थी। लेकिन पांचवें राउंड के बाद उन्होंने जो अपनी रफ्तार पकड़ी, वह लगातार बनी रही। आठवें राउंड के बाद आजसू ने भाजपा को पीछे करते हुए दूसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई लेकिन आजसू कभी भी कांग्रेस को पछाड़ नहीं पाई।
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