गंगा किनारे कानपुर में पहली बार प्रधानमंत्री गंगा की अविरलता को लेकर बनाएंगे मास्टर प्लान

कानपुर । गंगा की अविरलता को लेकर पहली बार तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1989 में गंगा एक्शन प्लान बनाया था, लेकिन वह सिर्फ कागजों पर सीमित रहा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा की अविरलता को लेकर बीड़ा उठाया और जमीनी हकीकत जानने के लिए शनिवार को कानपुर आ रहे हैं। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई प्रधानमंत्री गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर बेहद गंभीर हैं और कानपुर में बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में गंगा का पानी आचमन लायक बनाये जाने को लेकर मास्टर प्लान बनाया जाएगा।

नमामि गंगे के अभियान में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार यानी आज कानपुर आ रहे हैं। यहां पर प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में बैठक करेगें। इसके साथ ही गंगा नदी को अविरल और निर्मल करने के प्रयासों को अपनी कसौटी पर परखेंगे। नेशनल गंगा कांउसिल की पहली बैठक में पीएम मोदी कानपुर शहर में ’नमामि गंगे’ की परियोजनाओं का हाल और उसमें गिर रहे नालों का जायजा लेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गंगा नदी से आच्छादित पांच राज्यों में से दो के मुख्यमंत्री तथा एक के उपमुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में गंगा स्वच्छता से जुड़े कामों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद वह नए एक्शन प्लान की घोषणा करेंगे। पीएम मोदी गंगा नदी की बीच धारा में तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक लेंगे। यहां से प्रधानमंत्री अटल घाट जाएंगे, जहां से वो विशेष नौका में बैठकर गंगा में गिर रहे नालों का हाल देखेंगे। ’नमामी गंगे’ परियोजना की समीक्षा करने और पवित्र नदी पर योजना के प्रभाव देखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कानपुर में गंगा नदी में नौकायन करेंगे। बताया जा रहा है कि कानपुर के अपने दौरे में प्रधानमंत्री ’नमामी गंगे’ परियोजना को लेकर कुछ घोषणाएं भी कर सकते हैं। 

सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

प्रधानमंत्री के शहर आगमन पर प्रशासन और पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। इसके साथ ही तीनों सेना के जवान व अधिकारी भी पल-पल की खबर ले रहे हैं। सेना के तीनों अंग शहर की हर गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। 

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