नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की जल्द रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। चौटाला ने उम्र और ख़राब सेहत का हवाला दे कर समय से पहले रिहाई की गुहार लगाई है। चौटाला ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन का हवाला दिया है, जिसमें 60 वर्ष के ऊपर के पुरुष कैदियों की रिहाई की बात कही गई है।
चौटाला की ओर से कहा गया था कि केंद्र सरकार के विशेष माफी संबंधी नोटिफिकेशन के तहत 60 साल के ऊपर के पुरुष कैदियों, 55 साल के ऊपर की महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों की रिहाई की बात कही गई है, जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 70 फीसदी से ज्यादा उन दिव्यांगों की भी रिहाई की जा सकती है, जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है।
अमित साहनी ने कहा था कि चौटाला को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दस साल की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है और उन्हें अप्रैल 2013 तक 60 फीसदी स्थायी दिव्यांगता है। उसके बाद जून 2013 में उन्हें पेसमेकर लगाया गया, जिसके बाद वे 70 फीसदी दिव्यांगता के शिकार हैं। इसलिए नोटिफिकेशन के मुताबिक वे दो वर्गों में रिहाई के हकदार हैं।
दरअसल, चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद दस साल की कैद की सजा काट रहे हैं। उनके साथ ही उनके पुत्र अजय चौटाला और तीन अन्य दोषी भी दस साल कैद की सजा काट रहे हैं।
This post has already been read 6651 times!