राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर दी देशवासियों को बधाई

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सिख पंथ के संस्थापक श्री गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर देशवासियों को बधाई देते हुए नानक के न्यायपूर्ण, समावेशी और सामंजस्यपूर्ण समाज के सपने को साकार करने के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर सभी देशवासियों, विशेषकर हमारे सिख समुदाय के भाइयों और बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं। आइए, हम गुरु नानक देव के आदर्शों और शिक्षाओं को अपने जीवन में ढालकर, करुणा, समता और परस्पर सौहार्द्र पर आधारित समाज बनाने का संकल्‍प लें।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव के इस पावन अवसर पर विश्व के मूर्धन्य लोकतांत्रिक आध्यात्मिक गुरु के चरणों में सादर प्रणाम करता हूं। गुरु नानक देव ने मानवता को शांति, आध्यात्मिकता, करुणा, समानता और सहिष्णुता का मार्ग दिखाया। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव ने सामान्य जनसाधारण के लिए भी आध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को सरल भाषा में सुग्राह्य बनाया। उनकी वाणी ने हमारी आध्यात्मिक परंपरा और भाषाई विरासत दोनों को समृद्ध किया।

उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव ने सेवा, सहिष्णुता और समानता को जीवन का आधार बनाने की शिक्षा दी। धर्म, जाति, क्षेत्र और लैंगिक विभेद से उपर उठ कर, लोगों को नाम जपो, कीरत करो, वंद छको का अमर मंत्र दिया। इस पावन अवसर पर हम सब गुरु नानक देव के दिखाए अध्यात्म और मानवता के मार्ग का अनुसरण करें। समाज में शांति, सेवाभाव और सौहार्द्र सुनिश्चित करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “आज श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के विशेष अवसर पर मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। आज का यह दिन श्री गुरु नानक देव जी के न्यायपूर्ण, समावेशी और सामंजस्यपूर्ण समाज के सपने को साकार करने के लिए खुद को समर्पित करने का दिन है।”

प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही एक वीडियो भी साझा किया। इसमें उन्होंने कहा, “गुरु नानक देव केवल सिख पंथ की भारत की ही धरोहर नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं। गुरु नानक देव एक गुरु होने के साथ-साथ एक विचार और जीवन का आधार हैं। जहां एक तरफ गुरु नानक देव ने सामाजिक दर्शन के जरिए समाज को एकता, भाईचारे और सौहार्द्र का रास्ता दिखाया वहीं दूसरी तरफ उन्होंने समाज को एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था की सीख दी जो सच्चाई, ईमानदारी और आत्मसम्मान पर टिकी है। उन्होंने सीख दी की सच्चाई और ईमानदारी से ही किए गए विकास से हमेशा तरक्की और समृद्धि के रास्ते खुलते हैं। उन्होंने सीख दी कि धन तो आता-जाता रहेगा पर सच्चे मूल्य हमेशा रहते हैं। गुरु नानक की यही प्रेरणा मानवता के हित के लिए विश्व की शांति के लिए आज भी प्रासंगिक है।

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