- -गुवाहाटी और राष्ट्रीय उद्यान मनाह से वन विभाग की दो टीम घटनास्थल के लिए रवाना
ग्वालपाड़ा (असम)। जिले के मठिया थाना अंतर्गत पिछले 24 घंटे में एक जंगली हाथी ने 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से लोगों में भारी आक्रोश है। बुधवार को थाना के सामने लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर वन विभाग और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मुख्यमंत्री ने तुरंत हाथी को नियंत्रित करने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि वन विभाग को जंगली हाथी द्वारा उपद्रव मचाने की जानकारी बहुत पहले से है। इसके बावजूद उसे नियंत्रित करने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया। नतीजतन अए दिन किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही है। मंगलवार की सुबह मटिया के बकाइटारी गांव के टिकेंद्र नाथ की हाथी के हमले में मौत हो गई। दोपहर बाद इसी गांव के मिजानुर रहमान और जहानारा खातून की जान ले ली, जबकि सिधाबारी गांव में हाथी ने मिनती कलिता और कारीपारा के बगुवान निवासी हसीना बेगम नामक दो महिलाओं को मार डाला। स्थानीय लोगों ने बताया है कि हाथी पास के पहाड़ी इलाके में अब भी मौजूद है। यह हाथी अब तक 12 लोगों से ज्यादा को मौत के घाट उतार चुका है। हैरानी तो इस बात की है कि घटना के समय मुख्यमंत्री सोनोवाल भी ग्वालपाड़ा जिले में मौजूद थे। वे जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। बाद में उन्होंने वन विभाग को तुरंत हाथी को ट्रेंकुलाइज कर उसे नियंत्रित करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजन को चार लाख रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने पीड़ित परिजनों से मिलकर प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। जबकि बुधवार को जंगली हाथी को नियंत्रित करने के लिए राजधानी गुवाहाटी और राष्ट्रीय उद्यान मनाह से वन विभाग का दो टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है।
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