मजबूत महिला बनने का मतलब पुरुषों को मात देना नहीं : एंजेलिना

मुंबई : लॉस एंजेलिस । हॉलीवुड स्टार एंजेलिना जोली चाहती हैं कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए महिलाएं पुरुषों से लड़ने के बजाय उनके साथ मिलकर काम करें और उन्हें अपनी ताकत का अहसास दिलाएं। मजबूत महिला बनने का मतलब पुरुषों को मात देना नहीं है।

अभिनेत्री, फिल्मकार और सामाजिक कार्यकर्ता एंजेलिना, वॉल्ट डिज्नी द्वारा निर्मित अपनी हालिया फिल्म ‘मेलफिसेंट : मिस्ट्रेस ऑफ ईविल’ में एक विलेन की भूमिका में हैं, लेकिन उनका मानना है कि असमानता से भरी इस दुनिया में आगे रहने के लिए महिलाओं को मजबूत बनने की जरूरत है, लेकिन ऐसा वे पुरुषों से लड़े बगैर उनके साथ मिलकर काम करने से भी कर सकती हैं।

जोली ने बीबीसी डॉट कॉम को बताया, “मुझे लगता है कि अकसर जब ऐसी कोई कहानी बताई जाती है जो यह कहता है कि ‘यह एक सशक्त नारी है, उसे पुरुष को मात देना है या उसे पुरुष के जैसा बनना है या उसे पुरुष की जरूरत नहीं है।”

‘मेलफिसेंट’, जिन्हें स्लीपिंग ब्यूटी विलेन की अपेक्षा एक अधिक सहानुभूतिपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में दिखाया गया है, इसमें इल फीनिंग ने राजकुमारी औरोरा के किरदार में हैं, अपनी इस फिल्म के बारे बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, “हम दोनों को ही पुरुषों की मदद, प्यार और उनसे सीख की जरूरत पड़ती है और इसलिए मेरा मानना है कि यह कम उम्र की लड़कियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि वह अपनी खुद की शक्ति को ढूंढ़ें, लेकिन अपने आसपास के पुरुषों से भी सीखें और उनका सम्मान करें।”

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