मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई जारी, 29 आंदोलनकारी गिरफ्तार

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट से चार याचिकाएं खारिज होने के बाद से ही शुक्रवार रात से मुंबई के गोरेगांव स्थित आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड के निर्माण के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच करीब 3500 पेड़ों की कटाई का कार्य जारी है। पेड़ों की कटाई के खिलाफ आंदोलन करने वाले 29 पर्यावरण प्रेमियों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है, कुछ हिरासत में भी लिये गए हैं। पुलिस ने गिरफ्तार पर्यावरण प्रेमियों को शाम को बोरीवली की एक अदालत में पेश किया, जहां से सभी 29 लोगों को सोमवार (07 अक्टूबर) तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

इसमें शिवसेना के भी कई नेता शामिल हैं। अभी 38 पर्यावरण प्रेमियों पर मामला दर्ज करने की प्रक्रिया उपनगर के कई पुलिस स्टेशनों में जारी है। मुंबई में लोकल ट्रेन से गिरकर हर दिन 10 लोगों की मौत हो जाती है। इसी भीड़भाड़ भरी जिंदगी को आसान बनाने के लिए मेट्रो रेल की परिकल्पना पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार के कार्यकाल में की गई थी। इसी के तहत पिछली सरकार ने वर्सोवा से घाटकोपर तक पहली मेट्रो का निर्माण किया था। इसी परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए मेट्रो परियोजना-2 और परियोजना-3 पर काम शुरू किया गया।

मेट्रो की संख्या बढ़ने के बाद उसके रखरखाव के लिए मेट्रो कारशेड बनाए जाने का प्रस्ताव 2014 में लाया गया था। उस समय मेट्रो प्राधिकरण के अधिकारियों ने मुंबई में अन्य स्थानों पर भी कारशेड बनाए जाने की संभावना तलाशी थी, लेकिन मुंबई की घनी आबादी को देखते हुए आरे कॉलोनी के 33 एकड़ जमीन का चुनाव कारशेड के लिए किया गया। विक्रोली में भी कारशेड बनाए जाने का विचार किया गया था, लेकिन वहां की जमीन का मामला कोर्ट में लंबित होने की वजह से तत्काल उपलब्ध नहीं हो सकती थी।

इसी वजह से आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड बनाए जाने का निर्णय लिया गया, लेकिन इसकी जानकारी मिलते ही पर्यावरण प्रेमियों ने पर्यावरण संरक्षण, वनशक्ति जैसे कई संगठन बनाकर मेट्रो कारशेड का विरोध शुरू कर दिया था। इस मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि मेट्रो कारशेड का काम लंबित होने से इसका खर्च बढ़ जाएगा। इसका सीधा असर लोगों के टिकट पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा था कि मेट्रो कारशेड का विरोध कुछ लोग ही कर रहे हैं। मेट्रो प्राधिकरण का दावा है कि उसने संजय गांधी उद्यान में 20 हजार वृक्षारोपण किया है।

जबकि एक पेड़ काटने पर एक पेड़ लगना अनिवार्य है। पर्यावरण प्रेमियों ने यह मामला पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में पहुंचाया, लेकिन वहां से इन्हें निराशा हाथ लगने के बाद इन्हीं संगठनों से जुड़े जोरु भथेना ने दो सितम्बर को हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। इससे जुड़ी कुल चार याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गयी थीं, जिसे शुक्रवार (04 अक्टूबर) को खारिज कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए कहा था।मुंबई महानगर पालिका ने 29 अगस्त काे मेट्राे कारशेड के निर्माण के लिए करीब 3500 पेड़ काटने की इजाजत दी थी।

आदित्य ठाकरे ने जतायी नाराजगी

शिवसेना के युवा नेता एवं वरली विधानसभा सीट से उम्मीदवार आदित्य ठाकरे ने इस कदम को लेकर ट्विटर पर नाराजगी जतायी है। आदित्य ने लिख, ‘जिस तत्परता से मुंबई मेट्रो के अधिकारी आरे कॉलोनी के इकोसिस्टम को काटने में जुटे हैं, यह बेहद शर्मनाक है। इन अधिकारियों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में तैनात किया जाना चाहिए। इनसे कहा जाना चाहिए कि पेड़ काटने के बजाए आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त करो।’

इलाके में धारा-144 लागू

 मुंबई पुलिस के मुताबिक मेट्रो-रेल प्रोजेक्ट स्थल पर एहतियात के तौर पर सीआरपीसी की धारा-144 लागू कर दी गई है। इलाके में विरोध दर्ज कराने के लिए भारी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो रहे थे। हाल में कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुईं प्रियंका चतुर्वेदी भी प्रदर्शनकारियों में शामिल थीं। उनको भी हिरासत में लिया गया है। शिवसेना के कई और नेता भी हिरासत में लिये गए हैं। कुछ गिरफ्तार भी किए गए हैं। हालांकि खबर लिखे जाने तक उनके नाम स्पष्ट नहीं हो सके थे। आरे जंगल के बाहर कई इलाकों में बैरिकेड लगाकर पुलिस आने-जाने वालों को रोक रही है।

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