नई दिल्ली । राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में आज बिहार में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। बिहार सरकार ने बैठक में जानकारी दी कि भारी वर्षा और नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण राज्य के 16 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। राज्य में सरकारी तंत्र द्वारा व्यापक स्तर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों द्वारा इसमें पूरी मदद दी जा रही है। एनडीआरएफ की 20 टीमें राज्य में तैनात की गई हैं, जिनमें से अकेले पटना में छह टीमें मौजूद हैं जहां पिछले तीन दिनों में बहुत ज्यादा बारिश के कारण जलभराव की स्थिति है। राहत और बचाव कार्य में वायुसेना के दो हेलिकॉप्टरों को लगाया गया है। कोयला मंत्रालय की ओर से चार हेवी ड्यूटी पंप उपलब्ध कराए गए हैं जो आज पटना पहुंच जाएंगे। इन पंपों के जरिए जलभराव वाले इलाकों से प्रति मिनट तीन हजार गैलन पानी निकाला जा सकेगा। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं और साथ ही खाने और पीने के पानी जैसी जरुरी वस्तुओं की आपूर्ति भी की जा रही है। एक ओर जहां केन्द्रीय मंत्रालयों की टीमों द्वारा राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया जा चुका है वहीं ये टीमें एक बार फिर बाढ़ की ताजा स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य का दौरा कर सकती हैं। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि राज्य में पिछले पांच दिनों से जारी भारी वर्षा के बाद अब स्थिति में सुधार हो रहा है। कैबिनेट सचिव ने बैठक में बाढ़ की ताजा स्थिति के साथ ही इससे निपटने की तैयारियों तथा राहत और बचाव कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने इन कार्यों में राज्य सरकार की ओर से मांगी गई मदद के अनुरूप संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। बैठक में गृह, रक्षा, कोयला तथा जलशक्ति मंत्रालय, एनडीएमए, एनडीआरएफ, आईएमडी और केन्द्रीय जल आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इसके अलावा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए इसमें हिस्सा लिया।
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