मानसून की ठंडी हवाएं हों और अगर आप इस हवा का मजा लेने किसी स्पेशल जगह जाने का मन बना रहे हैं तो जाएं चांदीपुर बीच। मटमैला आसमान, मंद हवा, टप-टप बारिश की बूंदें और समुद्र का किनारा आपका दिन बनाने के लिए काफी है। यह भारत के सर्वोत्तम समुद्र तटों में से एक है जो ओडिशा के समुद्री तट पर पुरी और कोलकाता के बीच पड़ने वाले बालासोर से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यहां खूबसूरत ताड़ के पेड़ तो हैं ही, सफेद बालू के टीले भी हैं, जहां आपको हाइड एंड सीक गेम खेलने में काफी मजा आएगा। चांदीपुर बीच दुनिया के कुछ उन चुनिंदा समुद्री तटों में शामिल है, जो लो टाइड की वजह से हर दिन पांच किलोमीटर पीछे जाता है। दूर-दूर तक फैले समुद्री रेत पर आप टहल सकते हैं, समुद्र की लहरों से खेल सकते हैं और चाहें तो समुद्र से निकलते खूबसूरत सी शेल्स को एकत्र कर सकते हैं। जब यहां समुद्र दोबारा चढ़ता है तो जीप में बैठकर समुद्र के आगे-आगे भागना कभी नहीं भूलने वाला अनुभव है।
क्या देखें….
सिमिलीपल नेशनल पार्क:- यह पार्क बारीपदा से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. चांदीपुर से एक दिन के ट्रिप पर यहां घूमा जा सकता है। यह पार्क बाघों के लिए जाना जाता है। इनके अलावा, चीते, हाथी, सांभर, भौंकने वाले और चित्तीदार हिरन, मगरमच्छ और सरीसृप भी देखे जा सकते हैं।
इस पार्क में चिड़ियों की लगभग 231 प्रजातियां और पेड़-पौधों की लगभग 1076 प्रजातियां हैं, जिसमें ऑर्किड की 94 किस्में हैं। एनएच-6 (जो कोलकाता से आती है) पर स्थित जाशीपुर और एनएच- 5 पर स्थित लुलंग यहां के दो एंट्री प्वाइंट्स हैं। बाच्चुरी चारा यहां का बेहतर स्थान है, जहां से जंगली हाथी देखे जा सकते हैं। हालांकि बाघों की दहाड़ सुनने का सबसे सुंदर स्थान चाहाला की पहाड़ियां हैं।
देवकुंड:- बालासोर से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवकुंड में मनोहारी झरनों की श्रृंखला देखी जा सकती है। यह सिमिलीपल नेशनल पार्क के बाहरी घेरे पर स्थित है।
पंचलिंगेर:- बारीपदा से 85 और बालासोर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है- पंचलिंगेर. यहां शिव का प्राचीन मंदिर है। यहां भगवान शिव के पांच लिंग स्थापित हैं, जो प्रतिदिन प्राकृतिक झरने से धुलते हैं। ये झरनें इन लिंगों के ऊपर से बहते हैं।
यह स्थान वरदांत देवगिरि पहाड़ियों की श्रृंखला के मध्य में स्थित है, जो सघन हरियाली और खूबसूरत वादियों के कारण प्रसिद्ध है। बालासोर से 90 किलोमीटर और चंदनेर से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित तालासरी और चैमुख भी बहुत ही खूबसूरत अनदेखे बीच हैं और वे पर्यटकों की कल्पनाओं को सच करते हैं।
इसके अलावा, आप यहां सती अनुसुइया आश्रम भी जा सकते हैं, जो यहां से 16 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह आश्रम मंदाकिनी नदी के किनारे है। यहां सती अनुसुइया ने सीता माता को सतीत्व के महत्व को बताया था। यहां राम जानकी रघुवीर मंदिर और संकटमोचन हनुमान मंदिर, जो जानकी कुंड के पास स्थित है, के दर्शन कर सकते हैं। यहां प्राकृतिक अजूबे के तौर पर गुप्त और गोदावरी नामक दो गुफाएं हैं जिनमें से एक संकरी और दूसरी विस्तृत बने हुए हैं। माना जाता है कि यहां श्रीराम और लक्ष्मण ने बैठक की थी।
कब जायें:- मानसून यहां के वातावरण का बिल्कुल अलग ही अहसास कराता है। हालांकि यहां आने के लिए बेहतर महीने सितम्बर से मार्च हैं।
कैसे पहुंचें हवाई मार्ग:- यहां का नजदीकी एयरपोर्ट भुवनेश्वर है जो 294 किमी दूर है. यहां से कोलकाता 206 किमी दूर है। चांदीपुर से चालीस किलोमीटर दूर प्रकृति की गोद में खूबसूरत नीलगिरि स्थित है। नीलगिरि हिल्स ट्रैकिंग के लिए बेहतर स्थान है। साथ ही यहां कुलदिहा एलीफेंट सेंचुरी भी देख सकते हैं।
रेल मार्ग:- यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन बालासोर है, जो 16 किमी दूर है. बालासोर, कोलकाता-चेन्नई मुख्यलाइन पर स्थित है। यह सभी बड़े शहरों से जुड़ा है. यहां से आप टैक्सी या ऑटो किराये पर लेकर चांदीपुर पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग:- एनएच-5 पर स्थित चांदीपुर बालासोर से 16 किमी दूर है. बालासोर से भुवनेर 214 किमी और बालासोर से कोलकाता 298 किमी की दूरी पर है।
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