नयी दिल्ली । दक्षिण पश्चिम मानसून की मौजूदा गतिविधि के मद्देनजर, मौसम विभाग ने निर्धारित समय से इसकी वापसी की संभावना से इंकार करते हुये कहा है कि आगामी दो अक्तूबर के बाद ही मानसून की वापसी शुरु होने के बारे में कोई अनुमान व्यक्त किया जा सकेगा। सामान्य तौर पर पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी शुरु हो जाती है। उत्तर भारतीय राज्यों में मानसून की अगले तीन दिनों तक सक्रियता को देखते हुये विभाग ने शुक्रवार को बताया कि दो अक्तूबर के बाद ही मानसून की गति का विश्लेषण कर इसकी वापसी के बारे में कुछ कहा जा सकेगा।
विभाग में उत्तर क्षेत्र की पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख वैज्ञानिक डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि फिलहाल समूचे उत्तर पश्चिम इलाके में मानसून सक्रिय है। शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, बनारस, कानपुर और उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गयी है। वहीं, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में इस अवधि के दौरान कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना व्यक्त की गयी है। श्रीवास्तव ने बताया कि मानसून की वापसी के लिये कम से कम पांच दिन तक क्षेत्र विशेष में मानसून की सक्रियता नगण्य हो और इस अवधि में बारिश भी नहीं होनी चाहिये। इस स्थिति को ही मानसून की वापसी की शुरुआत माना जाता है।
उन्होंने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी की शुरुआत वाले क्षेत्र पश्चिमी राजस्थान में आगामी दो अक्तूबर तक मानसून की सक्रियता को देखते हुये यह कहा जा सकता है कि इस अवधि से पहले मानसून की वापसी शुरु नहीं होगी। अक्तूबर के पहले सप्ताह तक मानसून की सक्रियता को देखते हुये इस साल सर्दी की शुरुआत जल्द होने के सवाल पर डा. श्रीवास्तव ने बताया कि फौरी तौर पर यह कह सकते हैं कि अगले एक सप्ताह तक बारिश बंद नहीं होने पर सर्दी का अहसास होना शुरु हो जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सितंबर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान लगभग सामान्य स्तर पर ही दर्ज किया गया है। सर्दी की शुरुआत मानसून की वापसी और इसके बाद हवाओं के रुख पर निर्भर करती है। उन्होंने बताया, ‘‘मानसून के दौरान अभी पूर्वी हवा सक्रिय हैं जिसके कारण बारिश का दौर जारी है। वहीं सर्दी लाने वाली पश्चिमी हवायें मानसून की वापसी के बाद सक्रिय होती हैं, इन हवाओं की गति और तीव्रता को देखते हुये सर्दी के असर का अनुमान लगाया जाता है। इसलिये महज मानसून विलंबित होने के आधार पर यह कहना जल्दबाजी होगी कि सर्दी का असर जल्द दिखने लगेगा।
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