मदमस्त आबो-हवाओं वाला शहर है नैनीताल

समुद्र तट से 1938 मीटर की ऊंचाई पर स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी नैनीताल सैर-सपाटे के लिये बेहद उम्दा शहर है। यहां की ऊंची-ऊंची पर्वत श्रृंखलायें, लहराते हुये हरे-भरे पेड़ों की चोटियां और ठण्डी आबो-हवा किसी का भी दिल जीतने के लिये काफी है। शहर का दिल कहलायी जाने वाली नैनी झील यहां के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।

त्रि-सरोवर क्षेत्र

पूर्व में त्रि-सरोवर के नाम से नाम से पहचाने जाने वाले इस शहर के बारे में यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कुदरत ने इस क्षेत्र को बेशुमार प्राकृतिक सौन्दर्य प्रदान करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। जिसके फलस्वरूप लगभग दस स्क्वायर कि.मी. क्षेत्र में फैले दर्जन भर रमणीक पर्यटन स्थल हैं जो पर्यटकों का मन बरबस ही मोह लेते हैं। इन पर्यटन स्थलों में राजभवन, गोल्फ कोर्स, स्नोव्यू, नयनापीक, टिफिन टाप, केव गार्डन, नैनी झील, नयना देवी मंदिर, हनुमानगढ़ी मंदिर, लैण्ड्स इंड तथा लड़िया कांठा आदि का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।

चायना बार्डर का दर्शन

220 एकड़ में फैले ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित राजभवन व इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुन्दरता का कोई जवाब नहीं है। इस क्षेत्र से लगा गोल्फ कोर्स मानो यहां की प्राकृतिक सुन्दरता में चार-चांद लगाता है। यहां के दूसरे नम्बर पर व्यू की चोटी का नाम लिया जा सकता है। व्यू से जहां नैनीताल की नैसर्गिक सुन्दरता का लुत्फ उठाया जा सकता है वहीं विश्र्व के सबसे सुन्दर मनोहारी बर्फ से आच्छादित हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं का विहंगम दृश्य लिया जा सकता है। व्यू से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित नयनापीक पिकनिक स्पॉट के लिये बेहद उम्दा स्थान है। इस चोटी से चायना बार्डर के दर्शन होते हैं। यह चोटी शहर की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है।

टिफन टाप

शहर की तीसरी प्रमुख चोटी टिफन टाप के नाम से जानी जाती है। बताया जाता है कि डॉर्थीसीट नामक विदेशी महिला लगभग सौ वर्ष पूर्व यहां बैठकर चित्रकारी किया करती थी। डॉर्थीसीट के निधन हो जाने के पश्चात उसकी कब्र टिफिन टाप में बना दी गयी। जिसके दर्शनार्थ हजारों पर्यटक प्रतिवर्ष टिफिन टाप पहुंचते हैं।

नयना देवी मंदिर

चोटियों से नीचे उतरकर नैनीताल के निचले सैरगाहों पर नजर डाली जाये तो छः दर्जन से अधिक वन्य प्राणियों का चिड़ियाघर प्रमुख पर्यटन स्थल है। नैनीताल के पर्यटन स्थलों में धार्मिक आस्था के प्रतिबिम्ब के रूप में स्थापित नयना देवी मंदिर है। लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष इस मंदिर के दर्शनार्थ पहुंचते हैं। धार्मिक पर्यटन स्थलों की श्रृंखला में शहर से तीन कि.मी. की दूरी पर स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि सूर्योदय का सुन्दर नजारा भी हनुमानगढ़ी से लिया जा सकता है।

केव गार्डन

कुदरत ने नैनीताल की भौगोलिक सुन्दरता को खूबसूरत बनाने में जहां कोई कमी नहीं की वहीं जमीन के भीतर रहस्यमय गुफायें पैदा कर रोमांचकारी सौन्दर्य भी प्रदान किया है। सूखाताल में स्थित केव गार्डन इसकी एक जीती-जागती मिसाल है। छः गुफाओं का यह केव गार्डन रोमांच का शौक रखने वाले सैलानियों की तमन्नाओं को पूर्ण करता है। नैनीताल का मुख्य आकर्षण केन्द्र नैनी झील है। दिल के आकारनुमा बनी इस खूबसूरत झील में नौकाविहार, पाल नौकायन, पैडिल बोटिंग व कयाकिंग नौकाविहार का भरपूर लुत्फ लिया जा सकता है। सैरगाह के लिये नैनीताल के माल रोड की तो बात ही कुछ और है। पूरे वर्ष भर शाम के वक्त सैकड़ों पर्यटक रोजाना माल रोड में चहलकदमी का आनन्द लेते हैं। तमाम खूबियों को खुद में समेटे नैनीताल की आबो-हवा ही ऐसी है जो देश व विदेश के लाखों पर्यटकों को हर वर्ष नैनीताल खींच लाती है और यहां पहुंचने वाले प्रत्येक सैलानी नैनीताल की खूबसूरती को देख होठों से आह निकाले बिना नहीं रह पाता।

This post has already been read 9590 times!

Sharing this

Related posts