घर-घर कमल हो जनसंपर्क का नारा, यह निष्ठा का प्रतीकः सरयू राय

रांची । पिछले कई महीने से कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं होने वाले झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा के घर-घर रघुवर अभियान का विरोध किया है। उन्होंने घर-घर रघुवर के बदले घर-घर कमल अभियान चलाने की वकालत की है। 

बुधवार को मंत्री राय ने ट्वीट कर कहा कि झारखंड प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा से दूरभाष पर बात हुई। उन्हें सलाह दी है कि चुनावी दृष्टि से जनसंपर्क अभियान का नारा घर-घर कमल तय करें। यह वाक्य नारा नहीं होगा, बल्कि निष्ठा का प्रतीक भी होगा। मेरा यह सुझाव उनको (प्रदेश अध्यक्ष) अच्छा लगा। दिल्ली से लौटते ही उनसे मिलूंगा।  

उल्लेखनीय है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा 9 सितंबर से घर-घर रघुवर अभियान शुरू करने वाली है। तीन दिन पहले एक सितंबर को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गिलुवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि घर-घर अभियान के तहत पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सरकार की उपलब्धियां और कामकाज के बारे में लोगों को जानकारी देंगे। इसके अलावा 15 सितंबर से जन आशीर्वाद यात्रा निकाली जाएगी।   

सरकार की कार्यशैली और फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं मंत्री राय

इससे पहले भी मंत्री सरयू राय भाजपा की रघुवर दास सरकार की कई नीतियों, फैसले, अफसरों के कामकाज और राज्य में बिजली संकट सहित अन्य मामलों में अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़े करते रहे हैं। इसे लेकर कई बार उन्होंने ट्वीट भी किया है, जो सुर्खियों में रहा है। साथ ही उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री रघुवर दास सहित राज्य के आला अधिकारियों को पत्र भी लिखा है। 

इसी साल जनवरी में मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर अवैध खनन मामले में परदा डालने का आरोप लगाया था। झारखंड में खान विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है। 11 जून को जेवीएनएल (झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) की कार्यशैली पर कड़ा ट्वीट किया था। उन्होंने रांची की सिवरेज ड्रेनेज योजना को लेकर परामर्शी कंपनी मेनहर्ट के चयन पर अंगुली उठाई थी। 

हाल ही में उन्होंने विभागीय सचिव को पत्र लिखकर उज्जवला योजना को लेकर प्रमंडलीय स्तर पर सम्मेलन करने को लेकर सवाल खड़े किए थे। विभागीय मंत्री होने के बावजूद उन कार्यक्रमों में वे शामिल नहीं हो रहे हैं।

This post has already been read 8012 times!

Sharing this

Related posts