रांची । स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल ने कहा है कि ग्लोबल मंदी का वैसा असर भारत पर नहीं पड़ेगा जैसा कि विश्व के दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था पर है। वजह, अधिकांश भारतीय परिवारों में आज भी परंपरागत रूप से बचत करने का चलन है।
कश्मीरी लाल शनिवार को स्वदेशी जागरण मंच के दो दिवसीय प्रांत सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आने वाले वर्षों में भारत को पांच ट्रीलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात का कुछ लोग मजाक उड़ा रहे हैं, लेकिन यह संभव है और वह भी परंपरागत भारतीय या कि स्वदेशी के आधार पर। उन्होंने कहा कि न सिर्फ सरकार को बल्कि हमें भी ग्लोबल चुनौतियों को हमेशा स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कई उदाहरणों के जरिए बताया कि एक समय हमारा बाजार चीनी उत्पादों के चलते दबाव में रहता था, लेकिन उसकी चुनौतियों के सामने हमारे डटे रहने का निश्चय व उसके उत्पादों के बहिष्कार का ही नतीजा है कि चीन से हमारा 10 अरब डॉलर का व्यापार घाटा कम हुआ है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर निपटने के लिए स्वदेशी संकल्पित परिवारों का जगह-जगह सम्मेलन कराया जाएगा। इसके अलावा कृषि आधारित क्षेत्र के मद्देनजर तब खादी-अब खाद व हमारा रोजगार, खासकर स्वरोजगार पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि आज सरकारी नौकरियों की तुलना में उसे चाहने वालों की तादाद कई गुणा अधिक है। सबको नौकरी दे पाना या मिल पाना संभव नहीं है। इसके लिए सर्वाधिक सार्थक विकल्प है कृषि आधारित स्वरोजगार, जो न सिर्फ अधिक आय उपलब्ध कराता है बल्कि स्वस्थ भी रखता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि सरकार ने कौशल विकास के जरिए देश के करोड़ों युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराया है। उनमें से अधिकांश जो कलतक रोजगार ढूँढ रहे थे, आज रोजगार देने वाले बन गए हैं। उन्होंने दीपावली के मद्देनजर चीनी उत्पादों के बहिष्कार के आंदोलन को और भी ज्यादा प्रभावी बनाने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि स्वरोजगार की दिशा में आपकी ओर से कोई उपक्रम किया जाएगा तो मैं उसमें हरसंभव सहयोग को तैयार हूं। मौके पर मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरूण ओझा, अखिल भारतीय सह संघर्ष वाहिनी प्रमुख बंदेशंकर सिंह, क्षेत्रीय संयोजक शचींद्र कुमार बरियार, प्रांत संयोजक राजेश उपाध्याय, सह संयोजक द्वय अंजनी कुमार सिन्हा तथा अमरेन्द्र कुमार सिंह के अलावा प्रांत महिला प्रमुख मधुलिका मेहता, रांची जिला संयोजक आलोक कुमार सिंह आदि मौजूद थे।
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