रामगढ़। जिले के वृंदावन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से बच्चों की खरीद-बिक्री का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार की सुबह चाइल्ड वेलफेयर कमेेटी और रामगढ़ महिला थाना ने संयुक्त रूप से रांची जिले के ओरमांझी थाना अंतर्गत इरबा में छापेमारी कर ढाई साल की बच्ची को बरामद किया। आरोप है कि यह बच्ची भी वृंदावन हॉस्पिटल से ही ईरबा निवासी गोल्डन अहमद उर्फ मोहम्मद असलम और उनकी पत्नी सईदा खातून उर्फ सईदा नसरीन को उपलब्ध कराया गयी थी। इस संबंध में महिला थाना प्रभारी मिंजराही बिरूआ ने बताया कि शुक्रवार की सुबह चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष मुन्ना कुमार पांडे और सदस्य आकाश कुमार ने उन्हें सूचना दी थी कि वृंदावन हॉस्पिटल की मालकिन डॉक्टर मालती चार ने छह महीने पहले एक दाे साल की बच्ची का सौदा इरबा के एक दंपति के साथ किया था। उन्होंने बताया कि इस सूचना के आधार पर पुलिस ने इरबा में छापा मार कर ढाई साल की बच्ची और उसकी मां सईदा खातून उर्फ सईदा नसरीन को साथ में लेकर रामगढ़ महिला थाना लाया गया। बिरुआ ने बताया कि सईदा नसरीन ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि आठ महीने पहले डॉक्टर मालती चार के वृंदावन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में ही उस बच्ची को उन्होंने गोद लिया था। पुलिस के अनुसार सईदा ने यह भी बताया कि उसकी शादी को लगभग 12 साल बीत गए थे। लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी। इलाज के क्रम में ही उसकी मुलाकात डॉक्टर मालती चार से हुई। इसी दौरान सईदा ने डॉक्टर मालती चार से किसी अनाथ बच्चे को गोद लेने की बात भी कही थी। काफी महीने तक उन दोनों के बीच इस मुद्दे पर बात होती रही। अंत में 8 महीने पहले डॉक्टर ने उसे उस ढाई साल की बच्ची को उनकी झोली में डाल दिया। उसने यह भी कहा कि इसके बदले में उसने कोई रकम डॉक्टर मालती चार को नहीं दी है। एडॉप्शन को लेकर पुलिस ने जब सईदा खातून से दस्तावेज की मांग की तो सईदा खातून ने कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। महिला थाना प्रभारी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जड़ वृंदावन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ही है। उल्लेखनीय है कि बुधवार की रात छापेमारी कर वृंदावन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से 4 महीने के दो जुड़वा बच्चों को बरामद किया गया था। दोनों बच्चों को वहां अवैध तरीके से रखा गया था। शुक्रवार को बरामद ढाई साल की बच्ची को चाइल्ड वेलफेयर कमेेटी के नियम के अनुसार उसे वात्सल्य धाम भेजा जाएगा। इस मामले वृंदावन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की मालकिन को पुलिस को हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें शहर से बाहर नहीं जाने की शर्त पर थाने से बॉण्ड पर छोड़ दिया गया।
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