शिमला । हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से जान-माल की भारी क्षति हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षा जनित विभिन्न घटनाओं में राज्य में 22 लोगों की मौत हुई है और एक युवती लापता है। सोमवार सुबह हमीरपुर जिला के लोअर हरेटा में स्कूल जाते तीन अध्यापक और एक छात्र खड्ड पार करते समय बह गए जिन्हें गांव बाले बड़ी मुश्किल से बचाया। सभी को स्थानीय अस्पताल गलोड़ में भर्ती करवाया गया है। हमीरपुर जिला में सुबह से मूसलाधार बारिश हो रही है। शिमला जिला में सबसे ज्यादा 10 लोगों की मृत्यु हुई है। सोलन में पांच की जान गई। चम्बा और कुल्लू में दो-दो तथा सिरमौर, लाहौल-स्पीति और बिलासपुर में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई। मरने वालों में 15 पुरुष, चार बच्चे और तीन महिलाएं शामिल हैं। राज्य में शनिवार और रविवार को व्यापक बारिश ने पिछले आठ सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। शिमला, कुल्लू, बिलासपुर और सिरमौर जिलों में भारी वर्षा के मद्देनजर सोमवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखा गया है।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक शिमला जिले में मुसलाधार वर्षा के कारण रविवार को जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। कई स्थानों पर पेड़ों के गिरने से मकान और गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई तथा लोगों की जानें गईं। शिमला के बालूगंज थाना क्षेत्र के तहत आरटीओ ऑफिस के समीप एक मकान के भूस्खलन की जद में आने से मां और उसकी दो बेटियों संग चार की मौत हो गई। मृतकों की शिनाख्त सोलन के अर्की निवासी कृष्णा (42) पत्नी हरि दास और इनकी दो बेटियों 15 वर्षीय विशाखा व 18 वर्षीय दिव्या के रूप में हुई है। भूस्खलन में 32 वर्षीय ज्योति की भी मौत हो गईं जबकि हरिदास घायल हुए है।
शिमला के उपनगर संजोली के सिमिट्री में एक मकान पर मलबा व पत्थर गिर गए। इस घटना में कमरे में सो रहे सात मजदूर हादसे में चोटिल हुए। जिनमे एक मजदूर ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। मृतक की पहचान 40 वर्षीय शाह आलम के रूप में हुई है और वह मूलतः बिहार के कृष्णागंज इलाके का रहने वाला था।शिमला की ठियोग तहसील में उफनती खड्ड को पार कर रही मां व बेटी सैलाब में बह गईं। दोनों नेपाली मूल की थीं और मजदूरी करती थीं। पुलिस ने 53 वर्षीय महिला जयवंती के शव को क्यारतु नामक स्थान पर बरामद कर लिया, जबकि उसकी बेटी गंगा अभी तक लापता है।
इसी तरह कुमारसेन तहसील में एक विशालकाय पेड़ के ढारे पर गिरने से इसमें रह रहे नेपाली मूल के दो लोगों की मौत हो गई और पांच जख्मी हुए हैं। मरने वालों में अर्जुन बुद्धा और सेम बहादुर शामिल हैं। शिमला के जुब्बड़हट्टी इलाके में सुजाणा गांव में भूस्खलन से 42 वर्षीय महिला की मौत हो गई। हादसा तब हुआ जब महिला पशुशाला में पशुओं को बांध रही थी। इसी बीच पशुशाला की पिछली तरफ से मलबा गिरा और महिला इसकी चपेट में आ गई। बारिश और भू-स्खलन के कारण राज्य में 800 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं। अकेले शिमला ज़ोन में 403 सड़कें बंद हुई है। राज्य लोक निर्माण विभाग ने बंद पड़ी सड़कों को खोलने के लिए प्रदेश भर में 618 जेसीबी, डोज़र और टिप्पर लगाए हैं। लोक निर्माण विभाग के मुताबिक भूस्खलन की वजह से सड़कों को 327 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि आगामी 24 अगस्त तक राज्य भर में मौसम खराब बना रहेगा, लेकिन भारी बारिश की संभावना नहीं है। लगातार हो रही बारिश के छलते भाखड़ा बांध का जलस्तर 1681 फुट पहुंच गया है। वहीं पंडोह बांध से भी अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे कारण व्यास नदी उफान पर है। प्रशासन ने नदी के किनारे बसे लोगों को अलर्ट जारी किया है।
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