नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आम बजट में ढ़ांचागत सुधारों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बेहद कमजोर है। लेकिन बीजेपी के नेतृत्व वाली बहुमत की एनडीए सरकार भारी जनादेश के बावजूद साहसिक निर्णय नहीं ले रही है। चिदंबरम बजट पर राज्य सभा में जारी चर्चा में भाग लेते हुए गुरुवार को बोल रहे थे।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 20-25 सालों में मात्र 11 बार ही बजट में ढ़ांचागत सुधार किए गए हैं। उनमें से ज्यादातर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुए हैं। चिदंबरम ने आम बजट चर्चा पर बोलते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में हर बदलाव को सुधार की संज्ञा नहीं दी सकती। उन्होंने कहा कि लाइसेंसी राज और विदेशी मुद्रा अधिनियम से संबंधित फेरा कानून को समाप्त किया जाना तो आर्थिक सुधार की श्रेणी में आते हैं, लेकिन इस बजट में ऐसा कोई सुधार सरकार ने नहीं किया है।
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस ने 140 और 206 सीटों के साथ सरकार चलाई है। लेकिन बीजेपी को तो 303 सीटें मिली इसके बावजूद वह अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए साहसिक कदम उठाने से कतरा रही है। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को साल 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने की घोषणा पर चुटकी लेते हुका कि मोदी सरकार इसे ‘तिल का ताड़’ की तरह पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था 12 फीसदी की दर अगले छह साल में स्वत: ही दोगुनी हो रही है।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई गणित नहीं है। यह सामन्य बात है। पिछले 20 साल से हमारी अर्थव्यवस्था इसी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। इसे चंद्रयान की चंद्रमा पर पहुंचने जैसा प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है।
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