मोदी सरकार अगले पांच सालों में करेगी वायु गुणवत्ता में 20-30 प्रतिशत सुधार : जावड़ेकर

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने देशभर में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम(एनसीएपी) की शुरूआत की है। इसका लक्ष्य अगले पांच सालों में वायु गुणवत्ता में 20 से 30 प्रतिशत सुधार लाना है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उपलब्ध अंतरराष्ट्रीय अनुभवों तथा राष्ट्रीय स्तर पर कराए गए अध्ययनों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2024 तक वायु प्रदूषण के मुख्य कारक पार्टिकुलेट तत्व पीएम 2.5 तथा पीएम 10  के स्तर में 20 से 30 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें तुलना के लिए वर्ष 2017 को आधार वर्ष माना गया है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे देश में वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क में वृद्धि करने के अलावा वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उपशमन के लिए व्यापक स्तर पर उपशमन कार्यकलापों को संचालित करना है। आरंभ में एनसीएपी के विभिन्न कार्यकलापों के कार्यान्वयन के लिए दो वर्षों के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि के बजट को मंजूरी दी गई है। जावड़ेकर ने बताया कि एनसीएपी पूरे देश में बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने के लिए अखिल भारतीय स्तर की एक मध्यावधि पंचवर्षीय राष्ट्रीय-स्तरीय कार्यनीति है। वर्तमान में देशभर में 779 मानव-संचालित और 170 तात्कालिक(रीअल टाइम) वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थित हैं। एनसीएपी की संचालन समिति ने मौजूदा वर्ष के लिए विभिन्न शहरों में स्थित 63 सतस परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों को मंजूरी दी है।

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