रांची। ब्रह्माकुमारी
संस्थान की संचालिका निर्मला बहन ने कहा कि राजयोग द्वारा मनुष्य का
मानसिक तनाव दूर होता है। मन को शांति मिलती है और मस्तिष्क तथा
शरीर को भी आराम मिलता है। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व
भारत की प्राचीन प्रद्धति योग पर पुनः लौट रहा है। सभी को लगने लगा है कि सिर्फ और
सिर्फ राजयोग द्वारा ही मानव शरीर व मन का सम्पूर्ण इलाज संभव है। इसमें सभी जबतक
एक जूट होकर प्रयास नहीं करेंगे, तबतक यह कार्य पूर्ण नहीं
होगा। निर्मला बहन शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर
सेवा सदन पार्क में आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने लोगों को आह्वान करते हुए कहा कि आइये
हम भी अपने को स्वस्थ्य और सुखी बनाने के लिए इस मिशन में अपना कदम बढ़ायें। उन्होंने कहा
कि योग का अर्थ “जोड़ना“ अथवा
मिलाप है। आध्यात्मिक चर्चा में “योग“ शब्द
का भावार्थ आत्मा का परमात्मा से संबंध जोड़ना अथवा परमात्मा से मिलन मनाना है। कई
ग्रन्थकार कहते हैं कि “योग का अर्थ है – चित्त की वृत्तियों का निरोध“। वास्तव में चित्त को एकाग्र करना योग का एक जरूरी अंग है लेकिन केवल
वृत्ति निरोध ही को “योग“ मानना ठीक
नहीं है।
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