नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर विजय हासिल करने के उद्देश्य से बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) गठबंधन से आखिरकार मायावती ने किनारा कर लिया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने कहा, बसपा और सपा का अब कोई गठबंधन नहीं है। बसपा उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव अकेले लड़ेगी। बसपा प्रमुख मायावती ने नई दिल्ली में स्थित अपने आवास में संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा,लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा का वोट बैंक बसपा के उम्मीदवारों को स्थानांतरित नहीं हुआ। उन्होंने सपा नेताओं पर आरोप भी लगाया। कहा, सपा में भीतरघात हुआ। सपा नेता अगर अपना वोटबैंक बसपा के पक्ष में कराने के लिए जमीनी स्तर पर काम करते तो कोई लाभ हो सकता था। मगर ऐसा नहीं हुआ। भविष्य में ऐसा होने में लंबा वक्त लगेगा, इसलिए बसपा ने उपचुनाव अकेले दम पर लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने उन्हें सम्मान दिया है। उन्होंने भी राष्ट्रहित में पुराने मतभेदों को भुलाकर सम्मान दिया। हमारे निजी संबंध केवल राजनीति के लिए नहीं हैं, वह हमेशा रहेंगे। बावजूद इसके राजनीतिक मजबूरियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मायावती ने कहा, समाजवादी पार्टी के ‘यादव’ समुदाय के आधार वोट ने भी पार्टी का समर्थन नहीं किया। यही वजह है कि सपा के मजबूत दावेदार भी लोकसभा चुनाव हार गए। दरअसल, लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश का किला फतह करने के लिए सपा, बसपा और आरएलडी के बीच गठबंधन हुआ था। तीनों दलों ने 50 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतने का दावा किया था। मगर परिणाम उम्मीदों के उलट रहा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सबसे ज्यादा सीटों पर विजय हासिल की। यूपी में जाति समीकरणों और गठबंधन के बावजूद बसपा केवल 10 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। सपा को मात्र पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा। आरएलडी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। वह तीन सीटों पर चुनाव लड़ी मगर एक भी उम्मीदवार जीत नहीं सका। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की जिन 11 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें बसपा और सपा के एक-एक विधायक जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। इनमें जलालपुर से बसपा विधायक रितेश पांडेय अम्बेडकरनगर से चुने गए हैं और रामपुर से सपा के आजम खान सांसद बने हैं।
इन 11 सीटों पर होंगे विधानसभा उपचुनाव
उत्तर प्रदेश से इस बार 11 विधायक लोकसभा का चुनाव जीते हैं। लखनऊ कैंट से भाजपा विधायक डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, आगरा के टूंडला से भाजपा विधायक एसपी सिंह बघेल, कानपुर के गोविंदनगर से भाजपा विधायक सत्यदेव पचौरी, प्रतापगढ़ से अपना दल विधायक संगम लाल गुप्ता, सहारनपुर के गंगोह से भाजपा विधायक प्रदीप कुमार, बांदा के मानिकपुर से भाजपा विधायक आरके पटेल, बाराबंकी के जैदपुर से भाजपा विधायक उपेंद्र रावत, बहराइच के बलहा से भाजपा विधायक अक्षयवर लाल गोंड, अलीगढ़ के इगलास से भाजपा विधायक राजवीर सिंह, रामपुर सदर से सपा विधायक आजम खां और अंबेडकरनगर के जलालपुर से बसपा विधायक रितेश पांडेय लोकसभा चुनाव जीते हैं। इन सभी सीटों पर छह महीने के अंदर उपचुनाव होंगे। हालांकि यह साफ नहीं है कि बसपा इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी या नहीं। मगर यह तय है कि वह विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी।
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