झामुमो ने झारखंड के मूलवासी व आदिवासियों की अस्मिता को बेचा: रघुवर दास

रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड 1993 में ही अस्तित्व में आ जाता, लेकिन झामुमो ने साढ़े 3 करोड़ रुपये में राज्य के मूलवासियों और आदिवासियों की अस्मिता को बेचने का काम किया। झामुमो के लोग बतायें, उन्होंने आदिवासी और मूलवासियों के लिए क्या किया। कुछ नहीं, सिर्फ छलने का काम किया।
दास शनिवार को सोनाहातू में एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झामुमो के पूर्व मुख्यमंत्री ने आदिवासी युवाओं को भी नहीं बख्शा और 23 अगस्त 2013 को मंत्रिपरिषद की बैठक में सीसैट को शामिल कर दिया और राज्य के 7 भाषा के युवा जेपीएससी व एसएससी में इन भाषाओं से परीक्षा देने से वंचित हो गए। जबकि वर्तमान सरकार ने इस प्रावधान को हटाया, ताकि आदिवासी युवा अपने सपनों को गढ़ सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि झामुमो जो अब झारखण्ड मुद्रा मोचन पार्टी बन गई है और कांग्रेस ने राज्य को प्रारम्भ से ही अस्थिर करने का कार्य किया। 2004 से 2014 तक यही सरकार केंद्र में थी। यही चोर चेहरा बदल कर एक बार फिर आपके सामने विपक्षी गठबंधन के रूप में आएं हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि आप दूसरी बार गलती ना करें, नहीं तो 5 वर्ष का पछतावा होगा। नाम बदलकर फिर ये देश को लूटने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो के लोगों ने एक निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया। 2 वर्ष में इस सरकार ने 4 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया। लेकिन मधु कोड़ा ने मधु नहीं खाया। मधु खाया झामुमो और कांग्रेस के लोगों ने। ये पार्टी मां, बहू, बेटा, बेटी की पार्टी होकर रह गई है। झारखंड को ये अपनी जागीर समझते हैं।

This post has already been read 7432 times!

Sharing this

Related posts