कोलकाता। सीबीआई और कोलकाता पुलिस के बीच जारी घमासान पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने अदालत के निर्देशों को अपने हक में बताते हुए उसका सम्मान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह बंगाल की एक नैतिक जीत है। इसके साथ ही अपना पुराना आरोप भी दोहराया कि सीबीआई जो कुछ भी कर रही है, वह केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा है।ममता ने कहा, हम न्यायपालिका और मीडिया का सम्मान करते हैं। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। अदालत ने हमारे खिलाफ अवमानना के आरोपों को खारिज कर दिया है। अदालत ने यह भी कहा है कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। मैं आभारी हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया , क्योंकि सीबीआई रविवार को राजीव कुमार को गिरफ्तार करने गई थी।उन्होंने दावा किया कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने सीबीआई को पांच बार पत्र लिखकर कहा था कि वह आपसी सहमति से तय स्थान पर मिलने के लिए तैयार हैं, लेकिन सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने के लिए रविवार शाम उनके आवास पर गई।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश आने के बाद ममता ने आरोप लगाया कि जान-बूझकर बंगाल के प्रशासनिक अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है । यह बड़ा ही अजीब है कि हमारे नेताओं और मंत्रियों को गिरफ्तार कर ओडिशा ले जाया जा रहा है। यह विपक्षियों को डराने की साजिश है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ मेरे साथ बल्कि जो भी विपक्षी हैं, उनकी आवाज को दबाने के लिए केंद्र सरकार तय योजना के तहत काम कर रही है। ममता ने यह भी दावा किया कि केंद्र के एक मंत्री ने उन्हें फोन कर धमकी दी थी और कहा था कि मोदी सरकार के खिलाफ कुछ मत बोलो। उन्होंने मीडिया को भी धमकाने का आरोप लगाया और कहा कि जो भी केंद्र के खिलाफ होगा, वह सुरक्षित नहीं है।
सीएम ममता ने कहा कि वह डरती नहीं हैं। उनका पूरा जीवन संघर्ष में बीता है और अभी भी संघर्ष कर रही हैं। ममता ने कहा, मैं मर जाऊंगी, लेकिन झुकूंगी नहीं। उन्होंने कहा कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी खत्म हो जाएगी। लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र की सत्ता पर नई सरकार होगी। इस बात को समझते हुए भाजपा की सरकार विपक्षियों को परेशान कर रही है। ममता से जब पूछा गया कि 2019 के संयुक्त विपक्ष से प्रधानमंत्री कौन बनेगा, तब उन्होंने कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री होगा, जनता की सरकार होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी लड़ाई सीबीआई से नहीं है। वह अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का सम्मान करती हैं, लेकिन जब केंद्रीय एजेंसियां राज्य की अनुमति नहीं लेती हैं और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक आईपीएस अधिकारी के निवास पर जाती हैं, तो यह संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ है। धरने के बारे में ममता ने कहा कि यह तृणमूल के अकेले की लड़ाई नहीं है, बल्कि एक जन-आंदोलन है। हम भारत और संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। यह करोड़ों लोगों की लड़ाई है।
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