रांची : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य कार्यालय के सभागार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, एवम मजलिसे उलेमा झारखंड के संयुक्त बैठक मौलाना उजैर कासमी की अध्यक्षता में हुई।बैठक में वफ्फ बोर्ड के सदस्य अबरार अहमद, कलाम रशीदी बुद्धिस्ट सोसाइटी, भाकपा माले, टीएमसी, सहित कई संगठनों के पदाधिकारी , वफ्फ संशोधित कानून के विरोध में एकजुट हुए।
वक्ताओं ने कहा कि वफ्फ संशोधन कानून कर केंद्र की सरकार ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला किया है। वफ्फ बोर्ड की जमीन को अपने कॉर्पोरेट दोस्तों को देने के लिए सरकार योजना बना रही है ।
देश में सेना की जमीन हो , गैरमजरूआ हो, या केशर हिद की जमीन हो, या भूदान की जमीन हो इन जमीन पर कॉर्पोरेट घराने की नजर है इसीलिए अपने कॉरपोरेट दोस्तों को खुश रखने के लिए मोदी की सरकार ने सबसे पहले निशाना अल्पसंख्यकों पर करते हुए वफद संशोधन कानून लाकर रातों-रात राष्ट्रपति से हस्ताक्षर करा लिया। ऐसे कई कानून कई बिल राष्ट्रपति के पास वर्षों से रहा है बिना हस्ताक्षर जिस पर सुप्रीम कोर्ट को टिप्पणी करना पड़ा की 3 महीने के अंदर उसके कारण बताएं ।
सर्व सम्मति से तय किया गया कि अल्पसंख्यक अधिकार मंच झारखंड की ओर से 11 में को रांची में विशाल सेमिनार का आयोजन कर आगे के आंदोलन तय किया जाएगा नेताओं ने झारखंड सरकार से आग्रह किया की विधानसभा के विशेष सत्र बुलाकर इस कानून को निरस्त करने की अपील राष्ट्रपति महामहिम से करें ।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव कामरेड डी राजा एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्य ए के रशीदी के द्वारा सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट में अर्जी लगाई गई है कि कानून को निरस्त किया जाए सभी संगठनों के नेताओं ने सभी धर्म के मानने वाले लोगों से अपील किया एक मंच पर आकर सोचे समझे राजनीति के तहत वफ्फ कानून को निरस्त करने के लिए एक मंच पर आए और लड़ाई को तेज करें बैठक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, बुद्धिस्ट सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैनेंद्र तथागत जिला सचिव अजय कुमार सिंह भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राज्य सचिव इम्तियाज़ खान मौलाना अजहर कासमी, भाकपा माले के भुबनेश्वर केवट, टीएमसी के राज्य सचिव दयानंद सिंह, मोहम्मद गुलरेज अंसारी, कलाम रशीदी, इम्तियाज भाई, अजय सिंह,जुबेर भाई इबरार जॉन मोहमद अहमद सहित कई लोग मौजूद थे।
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